यह भी देखें-VIDEO: एक सांप को मारा तो निकले दो-तीन, उनको भी मार डाला तो फिर जो हुआ, उससे कांप गई सबकी रूह इसी बीच रालोद मुखिया चौधरी
अजीत सिंह कैराना उपचुनाव को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं और उनका पूरा फोकस किसी भी तरह जाट वोटों का ध्रुवीकरण रालोद के पक्ष में कराने पर है। इसलिए वे 15 मई को भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक व किसान नेता चौधरी
महेंद्र सिंह टिकैत की पुन्यतिथि पर सिसौली पहुंच रहे हैं।
इसके पीछे उनकी कोशिश भाकियू टिकैत का समर्थन पाने की रहेगी। इस कार्यक्रम में चौधरी अजीत सिंह खाप चौधरियों से भी मिलेंगे। इससे पहले चौधरी अजीत सिंह भाकियू मुखिया टिकैत के निधन के बाद उनकी तेरहवीं और रस्म पगड़ी में शामिल हुए थे। उसके बाद अब 15 मई को पहली बार उनकी 8वीं पुन्यतिथि पर सिसौली जाएंगे।आपको बता दें कि सिसौली में टिकैत की प्रत्येक पुन्यतिथि पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में किसान व किसान नेता शामिल होते हैं। साथ ही हरियाणा और पश्चिमी यूपी के सभी खाप चौधरी भी इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं।
मायावती ने गठबंधन को दिया बड़ा झटका , नहीं किया समर्थन का ऐलान कैराना उपचुनाव में अपने वजूद को बचाने की लड़ाई लड़ रहे रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह किसी भी कीमत पर इस लोकसभा चुनाव को जीतना चाहते हैं। इसीलिए वे खाप चौधरियों से मिलकर समर्थन की उम्मीद में हैं। हालांकि भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कैराना उपचुनाव में किसी भी दल का समर्थन करने से इंकार किया है। आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर और शामली को भाकियू की राजधानी माना जाता है और कैराना लोकसभा शामली जिले में ही आती है।