यह भी पढ़ें: कैराना Live: मतदान शुरू होते ही ईवीएम में कई जगह आई खराबी, वोटरों ने मचाया हंगामा कौन है देवर-भाभी की जोड़ी पहले शुरुआत करते हैं देवर-भाभी की जोड़ी से। देवर मतलब कंवर हसन और भाभी मतलब तबस्सुम हसन। इस उपचुनाव में मरहूम मुनववर हसन की पत्नी तबस्सुम हसन मैदान में हैं। पहले उन्होंने बसपा से टिकट मांगा था लेकिन पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दरवाजा खटखटाया लेकिन सपा और रालोद का गठबंधन हो गया। इसके बाद तबस्सुम हसन को रालोद से टिकट मिला। तबस्सुम का बेटा नाहिद कैराना से विधायक है।
यह भी पढ़ें: उपचुनाव Live- इस वजह से मुस्लिम क्षेत्रों में सुबह से ही लग गई भीड़, जमकर उमड़ रहे मतदाता कंवर हसन पहले लोकदल के टिकट पर उतरे थे मैदान में वहीं, उनके देवर कंवर हसन ने लोकदल के टिकट पर तबस्सुम को टक्कर देने की सोची और मैदान में उतर गए। इससे मुस्लिम वोटों के बंटने की आशंका जताई जाने लगी। दोनों ही अख्तर हसन परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कंवर हसन मुनव्वर के छोटे भाई हैं और उनकी तबस्सुम हसन से बनती नहीं थी।
यह भी पढ़ें: उपचुनाव Live- इस वजह से मुस्लिम क्षेत्रों में सुबह से ही लग गई भीड़, जमकर उमड़ रहे मतदाता जयंत चौधरी ने कराई दोनों की मुलाकात वोटिंग से ठीक पहले अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने बड़ी चाल चली और कंवर हसन से मुलाकात की। इसका परिणाम यह निकला कि देवर कंवर हसन और भाभी तबस्सुम हसन में सुलह हो गई। इसके बाद कंवर ने भाभी तबस्सुम का समर्थन देने का ऐलान कर दिया। इसके बाद भाजपा खेमे में भी खलबली मच गई क्योंकि अब मुस्लिम वोटरों के एक होने की संभावना जताई गई। अब 31 मई को आने वाले उपचुनाव के रिजल्ट बताएंगे कि देवर-भाभी की यह जोड़ी भाजपा को कितना नुकसान पहुंचाती है।