यह भी पढ़ें: इस चुनाव में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश ! कैराना और मुजफ्फरनगर में हुई शुरुआती शिक्षा मृगांका सिंह बाबू हुकुम सिंह की पांच संतानों में सबसे बड़ी हैं। वह 2017 से पहले कभी राजनीति में सक्रिय नहीं रही हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुअा है। उनकी शुरुआती शिक्षा कैराना और मुजफ्फरनगर में हुई। जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेटियों को शिक्षा देने के मामले में लोग पैर पीछे खींच लेते थे, ऐसे समय में मृगांका ने अजमेर से अपनी पढ़ाई जारी रखी। इसके बाद उन्होंने चौधरी चरण सिंह चरण सिंह यूनिवर्सिटी से बीएड भी किया।
यह भी पढ़ें: बड़ी खबर: कैराना और नूरपुर से भाजपा ने इनको दिया टिकट डीडीपीएस की चेन चलाती हैंं मृगांका इसके बाद उन्होंने महिला सशक्तीकरण और स्पेशल बच्चों के विकास के लिए काम किया। उनकी पहचान एक बिजनेसवूमन, समाजसेविका और शिक्षाविद के रूप में हुई। वह देहरादून पब्लिक स्कूल (डीडीपीएस) की चेन भी चला रही हैं। गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में इनके स्कूल हैं। इन स्कूलों में लगभग 9000 बच्चे पढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यूपीएससी के लिए भी कोशिश भी लेकिन मेंस क्लीयर नहीं कर सकीं।
यह भी पढ़ें: मायावती ने कैराना से ही लड़ा था अपना पहला चुनाव, हुआ था कुछ ऐसा कि जिंदगीभर नहीं भूल पाएंगी पास की थी पीसीएस परीक्षा हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और पीसीएस परीक्षा में सफलता प्राप्त की लेकिन किन्हीं कारणों से उन्होंने सर्विस ज्वाइन नहीं की। उनकी शादी 1983 में गाजियाबाद के बिजनेस मैन सुनील सिंह से हुई थी लेकिन एक हादसे में पति की मौत के बाद बच्चों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई।
देखें वीडियो: उत्तर प्रदेश में देर रात आंधी तूफान ने आसमान से कहर बरसाया पिछले विधानसभा चुनाव से रखा राजनीति में कदम उन्होंने उत्तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से राजनीति में कदम रखा था, जिसमें उनके सामने थे समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन। उस चुनाव में मृगांका सिंह को नाहिद हसन से शिकस्त मिली थी। अब एक बार फिर भाजपा ने इस सीट पर मृगांका सिंह पर दांव लगाया है। जबकि इस बार उनके सामने हैं विधायक नाहिद हसन की मां तबस्सुम हसन। तबस्सुम रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं और उन्हें सपा का समर्थन भी प्राप्त है।
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