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कैराना उपचुनाव: भाजपा से छिटका यह वोटबैंक इसलिए खड़ी हुई बड़ी मुश्किल
अब तक कैराना लोकसभा में नवें राउंड की मतगणना के बाद गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने 26925 से भी ज्यादा वोटों से बढ़त बना ली है। मतगणना में जीत की ओर बढ़ रही गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने मीडिया से बातचीत में खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सत्य की जीत है और हम नहीं चाहते कि भविष्य में कोई भी चुनाव ईवीएम से हो। कैराना उपचुनाव का यह चुनाव परिणाम 2019 में महागठबंधन का रोडमैप होगा।
साथ ही अब तक आए नतीजों से ऐसा लग रहा है कि रालोद का छिटका हुआ वोट बैंक जाट और मुस्लिम उससे फिर जुड़ गया है। जिस वजह से भाजपा प्रत्याशी को पहले राउंड से ही पिछड़ना पड़ा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में जाट वोट बैंक भाजपा की ओर डायवर्ट हो गया था, जिससे स्वयं रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह एवं उनके बेटे रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को भी बागपत और मथुरा में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन उपचुनाव में आ रहे रुझान से फिर एक बार जाट और मुस्लिम वोट बैंक रालोद से जुड़ता हुआ नजर आ रहा है। इस वोट बैंक को जोड़ने के लिए रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह व उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गांव-गांव जाकर वोट मांगे थे, जिसका उन्हें लाभ मिलता नजर आ रहा है।