मायावती इस सीट से लड़ सकती हैं लोकसभा चुनाव
बागपत से उतर सकते हैं जयंत मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जयंत चौधरी अपने पिता द्वारा छोड़ी जाने वाली बागपत सीट पर मैदान में उतर सकते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के निधन के बाद बेटे अजित सिंह ने पहली बार इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। बताया यह भी जा रहा है कि अब पार्टी की बागडोर जयंत को सौंपने की भी तैयारी चल रही है।
राजनाथ सिंह के बेटे के आॅफिस पर कूड़ा डालने पहुंचे लोग
रालोद के जनाधार को नकारा नहीं जा सकता 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के बाद रालोद के सामने अपने अस्तित्व को बचाने का संकट खड़ा हो गया है। हालांकि, अब भी माना जा रहा है कि रालोद का अब भी एक बड़ा जनाधार पार्टी के साथ है, जो अजित सिंह का वफादार है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद के अस्तित्व को नकारा भी नहीं जा सकता है। इसी को देखते हुए पिछले चुनाव में कांग्रेस और सपा ने रालोद की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था लेकिन सीटों के बंटवारे पर मामला उलझ गया था।
अजित सिंह के मुजफ्फरनगर से लड़ने की चर्चा अब कैराना उपचुनाव में जयंत चौधरी के मैदान में उतरने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इसके अलावा छोटे चौधरी अजित सिंह के मुजफ्फरनगर से अगला लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि करीब 80 साल के हो चुके चौधरी अजित सिंह ने अपनी विरासत बेटे जयंत चौधरी को सौंप दी है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि नीतिगत मामलों पर चर्चा के लिए आने वाले नेताओं को अजित सिंह जयंत से भी मिलने को कहते हैं। कुछ दिन पहले दिल्ली में अजित सिंह के आवास पर हुई बैठक के पीछे भी जयंत चाैधरी का ही हाथ था। बताया जा रहा है कि अजित की सद्भावना यात्रा के पीछे भी जयंत चौधरी को स्थापित करने की प्लानिंग है।
अजित सिंह की प्लानिंग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित अगले लोकसभा चुनाव में बागपत से जयंत को मैदान में उतारने का मन बना चुके हैं। उनका मानना है कि 2024 में जयंत को बागपत से उतारने में काफी देर हो जाएगी। इस बारे में रालोद के प्रदेश महामंत्री डॉ. राजकुमार सांगवान का कहना है कि वे वेस्ट यूपी की किसी भी सीट से अजित सिंह और जयंत चौधरी को जिता सकते हैं।