यह भी पढ़ें
Surya grahan 2018: इस दिन पड़ेगा साल का तीसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण यह है पूजा का शुभ मुहूर्त सेक्टर-2 स्थित लालमंदिर के पुजारी विनोद शास्त्री का कहना है कि Krishna Janmashtami भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार अष्टमी तिथि 2 सितंबर को पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त मिनट का है। उनके अनुसार, पूजा का समय रात 11.57 से 12.43 तक है। उनका कहना है कि अष्टमी तिथि का आरंभ 2 सितंबर 2018 दिन रविवार को रात 8.47 बजे से होगा, जिसका समापन 3 सितंबर को शाम 7.19 पर होगा। इसका मतलब व्रत 3 सितंबर को शाम 7.19 के बाद खोला जाएगा।
यह भी पढ़ें
20 किलो सोना पहनकर कांवड़ यात्रा के लिए निकला यह शख्स, हर दिन करेगा 1.25 करोड़ रुपये खर्च
ऐसे करें पूजा कृष्ण जन्माष्टमी वाले दिन भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं। रात 12 बजे भगवान के जन्म के बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है। अश्टमी तिथि समाप्त होने के बाद व्रत खोलना चाहिए। पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि इस दिन विष्णु के अवतार कान्हा को दूध, जल और घी से अभिषेक करना चाहिए। देखें वीडियो: कांवड़ शुरू होते ही सजे बाजार, रास्तों में भंडारे भी लगे यह है कथा पुराणों के अनुसार, कंस के अत्याचार को खत्म करने के लिए ही भगवान श्री विष्णु कृष्ण के रूप में अवतरित हुए थे। कंस अत्याचारी राजा था। पह अपनी प्रजा पर बहुत जुल्म करता था। उसकी बहन का नाम देवकी था। देवकी का विवाह यदुवंशी राजकुमार वासुदेव से हुआ था। विवाह के पश्चात जब कंस दोनों को लेकर घर आ रहा था तो एक आकाशवाणी हुई थी। इसमें कहा गया कि देवकी की आठवीं संतान कंस का वध करेगी। इसके बाद कंस ने देवकी और वासुदेव को जेल में बंद कर दिया था। इसके बाद कंस ने देवकी की सभी संतानों को मार दिया था। आठवें पुत्र के रूप में श्रीहरि ने स्वयं देवकी के उदर से पूर्णावतार लिया था। यह अवतार उन्होंने भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में लिया था।