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Satyapal Malik: दो साल की उम्र में हो गया था पिता का निधन, फिर पढ़े सरकारी स्‍कूल में, अब रचेंगे नया इतिहास

जम्‍मू-कश्‍मीर के नवनियुक्‍त राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक उत्‍तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले हैं

नोएडाAug 22, 2018 / 04:23 pm

sharad asthana

Satyapal Malik: दो साल की उम्र में हो गया था पिता का निधन, फिर पढ़े सरकारी स्‍कूल में, अब रचेंगे नया इतिहास

नोएडा। जम्‍मू-कश्‍मीर के नवनियुक्‍त राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक उत्‍तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम कर चुके हैं। इतना ही नहीं उन पर समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव भी भरोसा जताकर संगठन में बड़ा पद दे चुके हैं। आइए हम आपको जम्‍मू-कश्‍मीर के नवनियुक्‍त राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक के बारे में बताते हैं।
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दो साल की उम्र में हो गया था पिता का निधन

बागपत के हिसावदा गांव के किसान परिवार में जन्मे सत्‍यपाल मलिक का जम्‍मू-कश्‍मीर का राज्‍यपाल बनने तक का सफर काफी कठिन रहा है। उनका जन्‍म 24 जुलाई 1946 को किसान बुधसिंह के घर में हुआ था। दो साल बादही उनके होश संभालते ही पिता का निधन हो गया। पड़ोस के कस्बे अमीनगर सराय की प्राइमरी पाठशाला से उनकी पढ़ाई हुई। फिर ढिकौली गांव के इंटर कॉलेज से 12वीं कर वह मेरठ कॉलेज पहुंचे। मेरठ कॉलेज में वह दो बार छात्रसंघ अध्‍यक्ष बने।
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चौधरी चरण सिंह की पार्टी के टिकट पर बने थे पहली बार विधायक

इसके बाद 1974 में वह चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल (बीकेडी) के टिकट पर बागपत से विधायक बने। वह दो बार राज्‍यसभा सांसद भी रहे। एक बार चौधरी चरण सिंह तो दूसरी बार राजीव गांधी ने उनको राज्यसभा पहुंचाया। 1987 में उन्‍होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और वीपी सिंह के साथ जनता दल का दामन थाम लिया। जनता दल के टिकट पर ही वह 1989 में अलीगढ़ लोकसभा चुनाव लड़कर सांसद बने। 1990 में वह केंद्र सरकार में पर्यटन एवं संसदीय कार्य मंत्री बने। इसके बाद 1996 में वह मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी में चले गए। मुलायम सिंह यादव ने उन्‍हें पार्टी राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंप दी थी। सपा के टिकट पर ही उन्‍होंने 1996 में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
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Satyapal Malik
अजित सिंह के सामने लड़े थे लोकसभा चुनाव

फिर उन्‍होंने भाजपा का दामन थामा और 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भाजपा में आ गए। इसके बाद उन्‍होंने बागपत में अजित सिंह के सामने चुनाव लड़ा मगर हार गए। अमित शाह की टीम में वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने और 30 सितम्बर 2017 को उन्‍हें बिहार के राज्यपाल की जिम्‍मेदारी सौंपी गई।
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रचा इतिहास

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बागपत के लाल सत्‍यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर में एनएन वोहरा की जगह भेजा है। जेएंडके राज्‍य में इस पद पर 51 साल बाद किसी राजनैतिक शख्‍स की नियुक्ति की गई है। अब तक राज्‍यपाल की जिम्‍मेदारी सिविल सर्वेंट, राजनयिकों, पुलिस अफसरों और सेना के अफसरों को दी गई थी।

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