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इनकम टैक्स विभाग के सूत्र बताते हैं कि आनंद कुमार ने दिल्ली के व्यवसायी एसके जैन के सहयोग से कई हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति जुटाई थी। इस मामले में एसके जैन को बोगस कंपनी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2007 से 2012 के बीच आनंद कुमार की नेटवर्थ 7.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,316 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। आनंद कुमार पर आरोप है कि उन्होंने 12 से अधिक बोगस कंपनियां बनाकर कई हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति बनाई। यह भी आरोप है कि उन्होंने नोटबंदी के दौरान इन्हीं फर्जी कंपनियों की आड़ में करोड़ों रुपये बदलवाए थे। सूत्र बताते हैं कि अभी 440 करोड़ रुपये की नकदी और 870 करोड़ की कई अचल संपत्ति भी राडार विभाग के रडार पर है।
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इनकम टैक्स विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कार्रवाई के तैयारी में हैं। ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में केस दर्ज किया था। अब वह इसमें तेजी लाने की तैयारी कर रही है। ऐसे में आनंद कुमार पर की गई इस कार्रवाई की आंच बसपा सुप्रीमो मायावती तक भी पहुंच सकती है। खासकर विधानसभा उपचुनाव और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मायावती की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।