यह भी पढ़ें- बुलेट के शौकीन हैं तो लोन पर खरीदिए, कम्पनी दे रही है सुविधा, सबसे कम ब्याजदर का लाभ उठाइये शुरुआती दौर चाहिए होगा ये सामान सामान की डिलीवरी के लिए ट्रांसपोर्ट भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि डिलीवरी उत्पाद का साइज और वजन अलग होते हैं। यही वजह है कि अधिकतर कूरियर सेवा देने वाली कंपनियां बड़े वाहन ही रखती हैं। हालांकि आप छोटे सामान की डिलीवरी करना चाहते हैं तो छोटे वाहनों से भी काम चल जाएगा। जैसे वैन, टेम्पो, लॉरी, बाइक या फिर छोटे ट्रक आदि। इसके साथ ही आपको पार्सल की पैकिंग के लिए भी कुछ उपकरण चाहिए होंगे। जिनमें कार्टन, बॉक्स, टेप और कार्गो स्ट्रैप आदि शामिल हैं। साथ ही आपको बेहतर कनेक्टिविटी के लिए जीपीएस डिवाइस और स्मार्टफोन भी चाहिए होगा।
अच्छी सर्विस, मोटे मुनाफे की गारंटी जब आप अपने सेटअप का पूरा सामान एकत्र कर लें तो इसके बाद आप कूरियर सेवा को एक अच्छा नाम देते हुए कंपनी अधिनियम 2013 के तहत रजिस्टर्ड कराएं। कूरियर सेवा कंपनी को आप सोल प्रोप्राइटरशिप, साझेदारी फर्म, प्राइवेट लिमिटेड अथवा पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड करवा सकते हैं। इसके साथ ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी कराना न भूलें। इसके बाद आप अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं। याद रहे अगर आप कम कीमत पर बढ़िया सर्विस देंगे तो हमेशा आपका बिजनेस तरक्की करेगा और आपको मोटा मुनाफा भी होगा।
यह भी पढ़ें- Income के 5 तरीके जिसपर नहीं लगेगा Tax, चाहे जितना रखो Cash एप या वेबसाइट खाेलना भी जरूरी कूरियर सर्विस कंपनी खोलने के लिए आपको एक एप की भी आवश्यकता पड़ेगी, जिससे आप आप कस्टमर का ऑर्डर बुक करते हुए ऑर्डर को आसानी से ट्रैक कर पाएंगे। शुुरुआती दौर में एप के स्थान पर आप वेबसाइट से भी काम चला सकते हैं। बता दें कि कूरियर सेवा देने वाली कंपनी का जोखिम भी अधिक होता है। क्योंकि उत्पाद को सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी आपकी ही है। इसलिए बिजनेस बीमा कराना न भूलें। बीमा से ग्राहक और आपकी कंपनी के बीच विश्वास बनता है।