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अलग-अलग होती है अल्कोहल की मात्रा उत्तराखंड के भगवानपुर में आईवी फ्लूड बनाने वाली कंपनी के मालिक अभय गौरव सिंघल का कहना है कि जब आप सैनिटाइजर अपने हाथों पर डालकर मलते हैं तो थोड़ा सा ठंडापन महसूस होता है। साथ ही सैनिटाइजर उड़ जाता है और हाथ सूख जाते हैं। इसमें आइसो प्रोपाइल अल्कोहल (IPA) और इथाइल अल्कोहल होता है। इस वजह से यह जल्दी हवा में उड़ जाता है। सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा अलग-अलग होती है। अल्कोहल वाला होता है कारगर उन्होंने कहा कि अस्पताल में यह 70 परसेंट वाला जबकि फैक्ट्री में 90 परसेंट तक होता है। जबकि घरों के लिए 50 परसेंट वाला होता है। तीनों ही सही हैं। जो सैनिटाइजर जल्दी सूख जाता है, वह असली होता है। नकली सैनिटाइजर सूखेगा नहीं और हाथ गीले रहेंगे। इसके अलावा इसकी जांच लैब में होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि अल्कोहल वाला सैनिटाइजर अच्छा होता है। बिना अल्कोहल के कीटाणु नहीं मरते हैं।
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लाइसेंस नंबर जरूर देख लें गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर पूरन चंद का कहना है कि ब्रांडेड सैनिटाइजर खरीदना सबसे सही है। अगर कोई दूसरी अनजान कंपनी का सैनिटाइजर मिल रहा है तो उसका पूरी डिटेल पढ़ लें। 99.9 प्रतिशत बैक्टिरिया खत्म करने का दावा करने वाले प्रोडक्ट पर लाइसेंस नंबर जरूर होगा। अगर उस पर लाइसेंस नंबर न हो तो उसे न खरीदें। इसके अलावा प्रोडक्ट पर मैन्यूफैक्चर्स का पता, बैच नंबर समेत एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें। उसको ऑनलाइन भी चेक कर सकते हैं। लैब में होगी जांच वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पैकिंग से ही इसका पता लग जाता है। अगर किसी को कोई शक हो तो वो शिकायत कर सकता है। अगर किसी को कोई शक हो तो 0120-4186453 और 0120-2829040 पर शिकायत कर सकते हैं। शिकायत मिलने के बाद इसके सैंपल को लैब में भेजकर जांच कराई जाएगी।