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प्रोफेसर बरणवाल बताते हैं कि 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब देश के सामने भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल था। कारण, हमारे देश में सैकड़ों भाषाएं बोली जाती थीं। वहीं देश का संविधान बनाए जाने के साथ ही हमारे दिग्गज नेताओं के सामने भाषा को लेकर दुविधा थी। हालांकि काफी विचार-विमर्श के बाद देश में हिन्दी और अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा (hindi language) चुना गया और 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया। यह भी पढ़ें
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जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकार ने इस दिन के महत्व को देखते हुए इसे Hindi Diwas के रूप में मनाने का फैसला किया। प्रोफेसर ने बताया कि देश में पहला आधिकारिक हिन्दी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था। यह भी पढ़ें