नोएडा

सरकार कर तो देती है मुआवजे का ऐलान, लेकिन क्या सच में मिलता है!

फरवरी 2018 को गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा शहर के पर्थला इलाके में जितेंद्र यादव नाम के एक जिम ट्रेनर को पुलिस ने गोली मार दी। पुलिस ने शुरू में इस हत्याकांड को एनकाउंटर का रुप दिया था।

नोएडाOct 04, 2021 / 05:31 pm

Nitish Pandey

नोएडा. किसी भी बड़ी घटना-दुघटना के बाद अक्सर सुनने को मिलता है कि सरकार ने पीड़ितों को या फिर पीड़ित के परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में मनीष गुप्ता कांड के बाद भी मुआवजे का ऐलान किया गया है। कई ऐसे कई मामले है जिनमें सरकार द्वारा मुआवजे का ऐलान तो कर दिया गया, लेकिन चार साल से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी मुआवजे की धनराशि पीड़ित या फिर पीड़ित के परिवारों को नहीं मिली है।
यह भी पढ़ें

Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में धरना-प्रदर्शन से सुलगा पश्चिमी उत्तर प्रदेश

2018 में फेक एनकाउंटर के शिकार हुए थे जितेंद्र

फरवरी 2018 को गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा शहर के पर्थला इलाके में जितेंद्र यादव नाम के एक जिम ट्रेनर को पुलिस ने गोली मार दी। पुलिस ने शुरू में इस हत्याकांड को एनकाउंटर का रुप दिया था। हालांकि घटना के तुरंत बाद मामला तूल पकड़ा तो सच्चाई कुछ और ही सामने निकल कर आई। आरोप लगा कि दारोगा विजय दर्शन ने जिम ट्रेन को गर्दन में गोली मार दी थी और वो भी अपने प्रमोशन के लिए।
उस रात को याद कर जितेंद्र की भर जाती हैं आखें

पुलिक से फेक एनकाउंटर में पीड़ित जितेंद्र उस रात को याद करते हैं तो आखें भर आती हैं। जितेंद्र कहते हैं कि मेरी बड़ी बहन की शादी गाजियाबाद में तय हुई थी। पूरा परिवार उसी के तैयारी में लगा था। घटना वाली रात (3 फरवरी 2018) को मैं और मेरे दो दोस्त आ रहे थे। घर के पास ही दारोगा विजय दर्शन और उसके कुछ साथी पुलिस वाले कार से आए और हमें रोका, पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी। आते ही पुलिस वालों ने हम लोगों से बाहर घूमने का कारण पूछा, जिस पर मैंने बताया कि घर मेरा यही है और मेरी बहन की शादी की वजह से लेट हो गए।
एनकाउंटर कर के प्रमोशन मिलेगा

जितेंद्र ने बताया कि उसके बाद पुलिस वालों ने हमें चौकी चलने के कहा और मेरी कार की चाबी ले ली। हम गाड़ी में बैठ कर गए, लेकिन पुलिस वाले हमें चौकी की तरफ नहीं ले गए। बल्कि एक सुनसान इलाके की तरफ ले जाने लगे। मैंने विरोध किया तो उन्होंने बोला कि तेरा एनकाउंटर कर के प्रमोशन मिलेगा और गोली चला दी। घटना के पांच दिन बाद जितेंद्र को होश आया तो देखा कि वो हॉस्पिटल में था। जितेंद्र के गर्दन के नीचे का पूरा हिस्सा सुन्न हो चुका है। बेड पर सो रहे जितेंद्र को दो लोग पकड़ के उठाते हैं।
चार साल से मुआवजे का कर रहे हैं इंतजार

जितेंद्र यादव के पिता का कहना है कि सबने बड़े-बड़े वादे किए। किसी ने कहा कि बहू को सरकारी नौकरी मिलेगी। जिससे वो अपने दो बच्चों को पाल सके, लेकिन चार साल से इंतजार ही कर रहे हैं। कोई सरकारी मुआवजा नहीं मिला। जितेंद्र के पिता कहते हैं कि सीएम योगी से मिलने गया था, लेकिन मिलने नहीं दिया गया। यह कहते हुए जितेंद्र के पिता की आखें भर आई कि कभी मेरा बेटा 120 किलो वजन उठाता था, अब खुद से पानी भी उठा के नहीं पी सकता।
गोली मारने वाले दारोगा को मिल गई ड्यूटी

जितेंद्र की मां कहती हैं कि जितेंद्र के साथ हुई घटना के बाद से मेरा घर बरबाद हो गया। इसी की चिंता में मेरी बेटी ने भी खुदकुशी कर ली थी। हैरानी जताते हुए जितेंद्र की मां कहती हैं कि गोली मारने वाले दरोगा को ड्यूटी भी मिल गई है। लेकिन हमारा जीवन खराब हो गया। मैं तो सिर्फ यही सोच कर परेशान रहती हूं कि हमारे बाद जितेंद्र का क्या होगा? उसको हर एक घंटे में पानी पिलाना होता है कोई सामने रहता है तो कोई पिला देता है नहीं तो प्यासा ही रहता है।
यह भी पढ़ें

युवती को अगवा कर किया दुष्कर्म, परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज

Hindi News / Noida / सरकार कर तो देती है मुआवजे का ऐलान, लेकिन क्या सच में मिलता है!

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.