21वीं सदी की सबसे बड़ी खगोलीय घटना, हो सकता है विनाशकारी, इस दिन लगेगा सबसे लंबा चंद्रग्रहण
तांत्रिकों के लिए है महत्वपूर्ण उनका कहना है कि नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की विशेष रूप से विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। साल में दो बार ऐसी नवरात्र आते हैं। इनको चैत्र और शारदीय नवरात्र के रूप में जाना जाता है। उनके अनुसार, साल में दो नवरात्र और भी हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इन्हें गुप्त नवरात्र कहते हैं। इन नवरात्रों में मां दुर्गा की साधना चैत्र और शारदीय नवरात्रों से काफी कठिन होती है। इन्हें गुप्त नवरात्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें मां की आरधना गुप्त रूप से की जाती है। इसमें मां का ध्यान लगाने से विशेष फल मिलता है। ये नवरात्र तांत्रिकों के लिए काफी महत्व रखते हैं।अलग-अलग धर्मों के 4 दोस्तों ने पेश की एकता की ऐसी मिसाल, जानकर आप भी रह जाएंगे दंग
13 जुलाई से होंगे शुरू उनका कहना है कि गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ मास में मनाए जाते हैं। 13 जुलाई से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र शुरू होंगे। ये शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक मनाई जाते हैं। इसकी पूजा 13 जुलाई से शुरू होकर 21 जुलाई तक की जाएगी।आज के दिन करेंगे ये उपाय तो कुंडली के दोष हो जाएंगे दूर, हाेगी धन की वर्षा
यह है कथापौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ऋषि श्रंगी अपने अनुयायियों के साथ बैठे थे। इस बीच एक स्त्री ने ऋषि से कहा कि उसके पति गलत आदतों में पड़ गए हैं, जिस कारण वह धार्मिक कार्य या व्रत आदि नहीं कर पाती। उसके पति के गलत कार्यों की वजह से उसे मां की कृपा नहीं मिल पा रही है। इस पर ऋषि बोले कि वासंतिक और शारदीय नवरात्र से सभी परिचित हैं। इनके अलावा वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्र भी होती हैं। इनमें मां की 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। यदि वह गुप्त नवरात्र में मां की आराना करे तो उनका आशीर्वाद मिलेगा। इसके बाद उस स्त्री ने मां की ध्यान लगाकर पूजा की, जिससे उसका पति सही रास्ते पर आ गया और उसके घर में खुशियों का आगमन हुअा।