जेपी ग्रुप के डायरेक्टर के खिलाफ डकैती का केस दर्ज 24 फरवरी को हुई थी शादी
दरअसल, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत फरवरी की 24 तारीख को ग्रेटर नोएडा के वाईएमसीए क्लब में 66 जाड़ों की शादी कराई गई थी। इस योजना में दंपती को गहने और अन्य गिफ्ट के साथ ही दुल्हन को 20 हजार रुपये का चेक भी दिया जाता है। इतना ही नहीं कई एनजीओ भी अपनी ओर से नवदंपती को तोहफा देते हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत फरवरी की 24 तारीख को ग्रेटर नोएडा के वाईएमसीए क्लब में 66 जाड़ों की शादी कराई गई थी। इस योजना में दंपती को गहने और अन्य गिफ्ट के साथ ही दुल्हन को 20 हजार रुपये का चेक भी दिया जाता है। इतना ही नहीं कई एनजीओ भी अपनी ओर से नवदंपती को तोहफा देते हैं।
मोदी के धुर विरोधी सपा नेता आजम खान ने PM मोदी की इस तरह की तारीफ-देखें वीडियो 11 जोड़ों ने किया फर्जीवाड़ा नवभारत टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, 24 फरवरी को हुई सामूहिक शादी में दनकौर के पास चीती-नंगला में 11 जोड़ों की फर्जी शादी का पता चला है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक दूल्हा तो मल्टिनेशनल कंपनी में जॉब करता है और उसके दो बच्चे भी हैं। छह साल पहले शादी हुई थी। इसी तरह के कई और मामले भी सामने आए। योजना के तहत विवाह करने वालों में एक शख्स की शादी तो करीब 12 साल पहले हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी लाभ लेने के लिए इनकी दोबारा सरकारी शादी की गई। ये सभी गरीबी रेखा से भी ऊपर हैं। इस घोटाले में ग्राम प्रधान का पति भी शामिल है। इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा , दादरी के विधायक तेजपाल नागर, जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह, DM और डीआईजी समेत कई अफसर भी शामिल हुए थे। उधर, इस मामले में डीएम बीएन सिंह का बहना है कि वह इस मामले की जांच करा रहे हैं।
एनए-58 पर निकल रहे हैं तो पहले यह खबर जरूर पढ़ लें क्या है योजना गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए सामूहिक विवाह योजना का आयोजन किया जाता है। इसमें नवदंपती को ज्वैलरी और तोहफे दिए जाते हैं। इसके अलावा प्रशासन की तरफ से दुल्हन को 20 हज़ार रुपए मिलते हैं। इसमें एनजीओ भी तोहफे देते हैं। गौतमबुद्ध नगर में ऐसे जोड़ों को तलाशने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के अफसरों पर थी। इसमें ग्राम प्रधानों की भी मदद ली गई।
– 250 करोड़ का बजट इस काम के लिए समाज कल्याण विभाग को मिला है – 55 जिलों में अब तक 5,937 जोड़ों के सामूहिक विवाह कराए जा चुके हैं – 10 हजार विवाह इस वित्तीय वर्ष में कराने का लक्ष्य तय किया गया है
– 20 जिलों में अभी सामूहिक विवाह के आयोजन किए जाने हैं