यह भी पढ़ें- OMG जब अंतिम संस्कार के बाद जिंदा घर लौटी महिला को देख उड़ गए सभी के होश गाजियाबाद के सर्राफा व्यापारी गौरव गर्ग बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से सोने के भाव निरंतर बढ़ने की वजह से बाजार में सोने की बिक्री पर बड़ा असर पड़ा है। जहां पहले सर्राफा बाजारों में पैर रखने की भी जगह नहीं होती थी। अब यहां सन्नाटा पसरा रहता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में शादियों का सीजन खत्म हुआ है। शादियों में भी बाजार में कुछ खास फर्क देखने को नहीं मिला। यही वजह है कि इस साल की पहली तिमाही में सोने की डिमांड पहले के मुकाबले काफी कम रही है। वे इसके पीछे सोने के बढ़ते भाव के साथ कमजोर होते रुपये और जीएसटी को भी बड़ी वजह मानते हैं।
यह भी पढ़ें- भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन शामिल हुई ये बड़ी पार्टी, कैराना और नूरपुर सीट से उपचुनाव लड़ेंगे ये प्रत्याशी सोने की मांग में करीब 12 फीसदी की गिरावट यहां बता दें कि हाल ही में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें सोने के मांग 12 फीसदी गिरकर 87.7 टन बताई गई है। जबकि 2017 की पहली तिमाही में सोने की डिमांड 99.2 टन थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से मार्च के दौरान वैश्विक स्तर पर निवेश के लिए भी सोने की मांग में गिरावट आई है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में जहां सोने की मांग करीब 12 प्रतिशत घटी है, वहीं चीन में 26 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
आप भी जानिये, आखिर शादी वाले दिन घोड़ी पर ही क्यों बैठता है दूल्हा रिपोर्ट की मानें तो एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स के जरिए सोने में निवेश के मामले में जनवरी से मार्च के दौरान 66 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है, जबकि सोने की छड़ों और सिक्कों की मांग में 15 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं वैश्विक स्तर पर सोने की मांग में 7 फीसदी की कमी आई है। यह 2008 के बाद किसी भी तिमाही में सबसे अधिक गिरावट थी।