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दो साल तक करनी होगी मरीजों की सेवा दरअसल, बाल कोर्ट ने बलात्कार के दोषी एक बालिग (वारदात के समय नाबालिग था) को दो साल तक मरीजों की सेवा करने का फैसला सुनाया है। किशोरी से रेप के दोषी युवक को दो साल तक गाजियाबाद के एमएमजी जिला अस्पताल में मरीजों और उनके तीमारदारों की सेवा करनी होगी। इसके लिए किशोर न्याय बोर्ड ने गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को पत्र भी लिख दिया है। यह भी पढ़ें
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सीएमओ को भेजा पत्र जानकारी के अनुसार, सीएमओ को पत्र भेज दिया गया है। इसके अनुसार, वर्ष 2008 में 10 साल के लड़के ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। उस पर लोनी थाना क्षेत्र में रहने वाली एक किशोरी से बलात्कार का आरोप लगा था। इसके बाद किशोरी के परिजनों ने आरोपी के खिलाफ लोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में लोनी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया था। गवाहों की सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करा दिया। कोर्ट ने उसे दो साल की सजा सुनाई। इस दौरान उसे जिला अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को सेवा करनी होगी। साथ ही यह भी कहा गया है कि उसे हर महीने प्रोबेशन अधिकारी के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। देखें वीडियो: रामपुर में डिप्टी सीएम बोले रामपुर विकास का शहर होगा इस बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चन्द्रा का कहना है कि 2008 में नाबालिग पर लोनी एक किशोरी के साथ रेप करने का आरोप लगा था। उस समय उसकी उम्र केवल 10 वर्ष थी। पुलिस ने नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया था। फैसले में सीएमएस को कोर्ट के आदेश के आधार पर कार्य लिए जाने को कहा गया हे। इसकी रिपोर्ट उन्हें समय-समय पर कोर्ट को देनी होगी।