वहीं, सपा ने राहुल अवाना को अपना प्रत्याशी बनाया है। मायावती की पार्टी बसपा ने राजेंद्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है। इस सीट पर कभी बसपा का वर्चस्व हुआ करता था। मुलायम ने भंग किया था गौतमबुद्धनगर जिला
गौतमबुद्धनगर जिले की स्थापना 9 जून 1997 को हुआ। यह जिला बुलंदशहर और गाजियाबाद के कुछ ग्रामीण और अर्द्धशहरी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया था। उस समय प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती थी। मायावती का गांव भी इसी जिले में आता है। साल 2003 में प्रदेश में सपा की सरकार बनी। सरकार बनते ही मुलायम सिंह यादव ने इस जिले को भंग कर दिया। जनता इसके विरोध में मैदान में उतर आई। आंदोलन को बढ़ता देख सरकार बैकफुट पर गई और अपने फैसले को वापस ले लिया।
गौतमबुद्धनगर जिले की स्थापना 9 जून 1997 को हुआ। यह जिला बुलंदशहर और गाजियाबाद के कुछ ग्रामीण और अर्द्धशहरी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया था। उस समय प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती थी। मायावती का गांव भी इसी जिले में आता है। साल 2003 में प्रदेश में सपा की सरकार बनी। सरकार बनते ही मुलायम सिंह यादव ने इस जिले को भंग कर दिया। जनता इसके विरोध में मैदान में उतर आई। आंदोलन को बढ़ता देख सरकार बैकफुट पर गई और अपने फैसले को वापस ले लिया।
आज स्थिति यह है कि गौतमबुद्ध नगर जिला प्रदेश की राजस्व प्राप्ति में अपनी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से सटे हुए इस जिले का मुख्यालय ग्रेटर नोएडा में है।
2009 में पहली बार बना गौतमबुद्धनगर लोकसभा
1952 में हुए पहली बार संसदीय चुनाव में गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट का नाम नहीं था। उस समय यह क्षेत्र बुलंदशहर लोकसभा सीट का हिस्सा था। 1962 में तीसरे लोकसभा चुनाव के दौरान खुर्जा लोकसभा सीट का गठन किया गया। इसके बाद इस क्षेत्र को खुर्जा में शामिल कर दिया गया। खुर्जा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी।
1952 में हुए पहली बार संसदीय चुनाव में गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट का नाम नहीं था। उस समय यह क्षेत्र बुलंदशहर लोकसभा सीट का हिस्सा था। 1962 में तीसरे लोकसभा चुनाव के दौरान खुर्जा लोकसभा सीट का गठन किया गया। इसके बाद इस क्षेत्र को खुर्जा में शामिल कर दिया गया। खुर्जा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी।
साल 2009 में पहली बार गौतमबुद्ध नगर लोकसभा का गठन किया गया। इसके बाद चुनाव आयोग ने इस सीट को सामान्य कर दिया। परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद इस लोकसभा क्षेत्र में नोएडा, दादरी, जेवर, सिकंदराबाद और खुर्जा विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया। खुर्जा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
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बीएसपी के सुरेन्द्र सिंह नागर बने पहले सांसद2009 में पहली बार गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर चुनाव हुआ। बहुजन समाज पार्टी के सुरेन्द्र सिंह नागर ने भारतीय जनता पार्टी के महेश शर्मा को हराकर यहां के पहले सांसद बने। वहीं, भाजपा प्रत्याशी महेश शर्मा दूसरे नंबर पर रहे, जबकि सपा के नरेंद्र भाटी तीसरे स्थान पर रहे।
इसके बाद हुए दोनों चुनावों में भाजपा की जीत का अंतर बढ़ा है। 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महेश शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में महेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को 2,80,212 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत दर्ज की।
2019 लोकसभा चुनाव में गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 62.7 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो इस लोकसभा सीट पर अभी तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है। पिछले लोकसभा चुनाव में गौतमबुद्ध नगर सीट पर 60.38 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस चुनाव में डॉ. महेश शर्मा ने बसपा प्रत्याशी को 3,36,922 वोटों से हराया था। इस चुनाव में बसपा और सपा का गठबंधन था।
84 फीसदी हैं हिंदू वोटर
गौतमबुद्ध नगर 1,442 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। गौतमबुद्ध नगर की 84 प्रतिशत आबादी हिंदू और 13 प्रतिशत मुस्लिम है। यहां पर करीब 23 लाख वोटर हैं। इनमें राजपूत वोटर 4.5 लाख, ब्राह्मण 4 लाख, मुस्लिम 3.5 लाख, गुर्जर 4 लाख, दलित 3.5 लाख और अन्य वोटर 3 लाख हैं।
गौतमबुद्ध नगर 1,442 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। गौतमबुद्ध नगर की 84 प्रतिशत आबादी हिंदू और 13 प्रतिशत मुस्लिम है। यहां पर करीब 23 लाख वोटर हैं। इनमें राजपूत वोटर 4.5 लाख, ब्राह्मण 4 लाख, मुस्लिम 3.5 लाख, गुर्जर 4 लाख, दलित 3.5 लाख और अन्य वोटर 3 लाख हैं।