इस त्योहार पर लोग अपने घर गणेश जी की मूर्ती लाते हैं और दस दिनों तक रोज उनकी सेवा करते हैं। यह त्योहार पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है लोकिन महाराष्ट्र में गणेश उत्सव का काफी महत्व है। गणेश चतुर्थी की शुरूआतहरतालिका तीज के अगले दिन होगी यानी 12 सितंबर को हरतालिका तीज है और 13 सितंबर से गणेश चतुर्थी।
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) महाराष्ट्र के साथ ही अब यूपी में भी धूम-धाम से मनाया जाता है। Ganesh Chaturthi के दिन भगवान गणेश के जन्म हुआ था और इसलिए गणेश जन्मोत्सव मनाया जाता है। यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है इसलिए इसे गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है। अग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार गणेश चतुर्थी का दिन अगस्त अथवा सितम्बर के महीने में आता है। लोग अपने घरों में गणेश जी की प्रतिस्थापना करते हैं और घरों में जागरण करते हैं। दस दिन बाद लोग गणेश जी को विसर्जित गंगा आदि में प्रवाहित करते हैं।
Ganpati Utsav को लेकर बाजार भी तैयार हो चुके हैं, बाजारों में तरह-तरह की गणेश मूर्तियां बनाई जा रहीं हैं जिसके अलग-अलग रेट हैं। छोटी सी छोटी गणेश जी की मूर्ती 600 से 700 और बड़ी मूर्तियों की कीमत 10000 से 20000 तक बाजार में उपल्ब्ध हैं। नोएडा सेक्टर 31 में मूर्ति बनाने वाले इकबाल कारीगर का कहना है कि इस बार गणेश चतुर्थी के लिए ज्यादातर मूर्तियां ( Eco friendly) इको फ्रेंडली बनाई गईं हैं। जिससे गंगा या समुद्र में विसर्जन से पानी दूषित न हो। उन्होंने बताया कि यहां से दिल्ली-एनसीआर के लोग प्रतिमा खरीदकर ले जाते हैं। गणेश चतुर्थी को लेकर ऑर्डर अभी से आने शुरू हो गए हैं।