पूर्व जज श्री प्रकाश ने राज्य उपभोक्ता आयोग को बताया ”कंपनी ने जून या सितंबर 2013 में फ्लैट पर कब्जा देने की बात कही थी। उस समय वह सिद्घार्थनगर जिले में नियुक्त थे। उन्होंने शुरुआत में कंपनी को 4,36,000 रुपए देकर फ्लैट बुक कराया। फ्लैट की कुल लागत 29,06,250 रुपए बताई गई थी।”
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राज्य उपभोक्ता आयोग की सख्ती पर निजी बिल्डर ने जैसे-तैसे फ्लैट का कब्जा बना कोई अभिलेख सौंपे दे दिया। आयोग ने इस कृत्य को गंभीरता से लेकर बिल्डर को 20 लाख रुपये मानसिक उत्पीड़न का देने का आदेश दिया है। निजी कंपनी को जमा धन पर 12 प्रतिशत ब्याज और एक लाख रुपये वाद शुल्क भी वादी को देना होगा। अमेठी जिले के अतवारा गांव निवासी पूर्व अपर जिला जज श्री प्रकाश ने केडीपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नोएडा की ग्रैंड सबाना स्कीम में तीन कमरों का फ्लैट बुक कराया। उस समय पूर्व जज सिद्धार्थनगर जिले में नियुक्त थे। गाजियाबाद में बनने वाले फ्लैट की कुल लागत 29,06,250 रुपये थी।
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