डेई तूफान का असर: मौसम विभाग ने जारी की भारी बारिश की चेतावनी, जानें अपने शहर के मौसम का हाल बता दें कि इसी साल 25 फरवरी को मेरठ में आरएसएस का राष्ट्रोदय कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें समाजवादी पार्टी मेरठ के पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी जयवीर सिंह ने संघ की पोशाक पहनकर शिरकत की थी। इसके बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था। आरएसएस के एक पदाधिकारी के जरिये वह भाजपा में अपनी सियासी संभावनाएं तलाशने लगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जयवीर भाजपा में जब मनचाही जगह नहीं बना सके तो उन्होंने अखिलेश यादव के सामने अपनी गलतियों का अहसास करते हुए माफी मांगी और फिर से पार्टी में शामिल करने की बात कही। इसके बाद सपा के एक राष्ट्रीय सचिव की सिफारिश पर अखिलेश यादव ने उन्हें हरी झंडी दे दी। शनिवार को जयवीर फिर से सपाई हो गए। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की मानें तो अब जयवीर सिंह को अनुशासन में रहने की हिदायत दी गई है। वहीं जयवीर सिंह का कहना है कि समाजवादी पार्टी उनका घर है। जिंदगी में इस तरह के उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। अब वे सपा की मजबूती और 2019 में भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए काम करेंगे। सपा के जिलाध्यक्ष चौधरी राजपाल सिंह का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर जयवीर सिंह को पार्टी में शामिल किया गया है।
इस बैंक मैनेजर ने पहले दी ट्रेनिंग फिर खुद ही लुटवा दिया बैंक का कैश, तरीका जानकर पुलिस भी रह गई हैरान यहां बता दें कि चौधरी जयवीर सिंह करीब 10 साल तक समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष रहे। सपा ने उन्हें जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया। यह भी बता दें कि जयवीर सिंह सपा की राष्ट्रीय सचिव रहीं डॉक्टर सरोजनी अग्रवाल के भी बेहद करीबी रहे। इसके बाद में वे पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर के खास हो गए। 2017 में सपा के सत्ता से हट जाने के बाद जयवीर सिंह ने लालबत्ती हासिल करने के लिए भाजपा से नजदीकी बढ़ा ली और आरएसएस के जरिये भाजपा में अपना राजनीतिक भविष्य तलाशने लगे।