वेस्ट यूपी-एनसीआर में अगले तीन दिन एेसी रहेगी बारिश, मौसम वैज्ञानिकों ने जतार्इ संभावना बता दें कि नोएडा के डूब क्षेत्र में यमुना का पानी लगातार किसानों की फसलों और घरों की ओर बढ़ रहा है। क्षेत्र के किसान अपने स्तर पर ही खेतों के किनारों पर मेढ़ लगाकर पानी को आने से रोकने के प्रयास में जुटे हैं। किसानों ने बताया कि उनका खेत पानी के बहाव से करीब एक फुट नीचे है, यदि मेढ़ टूटी तो यमुना पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लेगी और इस तरह करीब 2 हजार बीघा फसल बाढ़ के चलते बर्बाद हो जाएगी। फिलहाल किसानों के चेहरे पर चिंता के भाव हैं और फिक्र इस बात की भी है कि वह इस पानी से ज्यादा देर तक नहीं लड़ पाएंगे। जलस्तर बढ़ा तो उनका सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। बता दें कि किसानों के इस नुकसान की भरपाई सरकारी महकमा भी नहीं कर पाएगा। क्योंकि यह फसल डूब क्षेत्र में है। इसलिए सरकार इन्हें फसल का मुआवजा भी नहीं देगी।
बारिश के बाद काॅलोनी में भरा पानी, नाव से पहुंचे विधायक, देखें वीडियो- गौरतलब है कि इलाके में जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को चेतावनी भी दी जा रही है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि दो दिन पहले हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से यमुना में 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जो कि 72 घंटे में गौतमबुद्ध नगर में पहुंचने की आशंका है। उन्होंने बताया कि इससे जिले के कामबक्सपुर, याकूबपुर, मोमनाथन एवं सफीपुर गांव को बाढ़ से खतरा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि कामबाक्सपुर गांव के पास यमुना की धारा का रुख गांव की ओर हो गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी बंधे को बचाने के लिए बंधे पर पर दिन-रात काम कर रहे हैं, ताकि कहीं पर बंधा क्षतिग्रस्त ना होने पाए। जिला प्रशासन भी इस बात की कोशिश कर रहा है कि किसी भी ग्रामीण को बाढ़ के कारण नुकसान न होने पाए। अधिकारियों को बाढ़ के संबंध में सचेत कर दिया गया है। सभी बाढ़ चौकियों पर जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वे अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी के साथ तैनात हैं। उप जिला अधिकारी तथा अन्य अधिकारी खतरे वाले क्षेत्र में निरंतर भ्रमण कर रहे हैं, जिससे किसी ग्रामीण को बाढ़ से नुकसान न होने पाए।