सुबह बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रालियों और बसों में सवार होकर नोएडा स्टेडियम के गेट नंबर चार पर जमा हुए। वहां से हाथों में बैनर और पोस्टर लिए बड़ी संख्या में किसान प्राधिकरण दफ्तर की ओर कूच किए। इस आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए बीते एक महीने से किसान जनजागरण अभियान चला रहे थे। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुखवीर पहलवान ने बताया कि जनजागरण अभियान के दौरान ही यह साफ हो गया था कि प्राधिकरण के रवैये से किसानों के मन में रोष है। यही कारण है कि सोमवार को उम्मीद से अधिक किसान आंदोलन में शामिल हुए। उन्होंने साफ किया कि बस! अब बहुत हो चुका। अब प्राधिकरण क मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।
सुखवीर पहलवान ने बताया कि कई बार प्रदर्शन के बाद भी अथॉरिटी से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। बीती 27 सितंबर को हुए आंदोलन के बाद भी उन्हें भरोसा मिला था। लेकिन, उस पर अब तक अमल नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राधिकरण की नजर गांवों की वर्षों पुरानी आबादी पर टिकी है। पुश्तों से जिस जमीन पर किसान रहता आ रहा है, प्राधिकरण उस जमीन को भी अपना बता रहा है। ऐसे ही एक मामला गढ़ी चौखंडी गांव का है। यहां प्राधिकरण ने 24 मकानों को तोड़ने का फैसला कर लिया है। लेकिन, किसानों के आक्रोश के कारण अथारिटी फिलहाल खामोश है।