नोएडा. अपनी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलने और नोएडा विकास प्राधिकरण की मनमानी से परेशान किसानों के सब्र का बांध सोमवार को टूट गया। अफसरों की उदासीनता से परेशान किसानों ने प्राधिकरण कार्यालय का गेट तोड़कर हजारों की संख्या में किसान वहीं धरने पर बैठ गए। प्राधिकरण का घेराव करने पहुंचे हजारों की तादात में किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान भारी मात्रा में पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस किसानों को रोकने का प्रयास करती रही, लेकिन किसानों ने पुलिस की एक भी नहीं चलने दी और प्राधिकरण का गेट तोड़कर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि भले ही पुलिस उन्हें जेल भेज दे, लेकिन जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, वह लोग प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे।
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किसानों के धरने को मिला आम आदमी पार्टी का साथ
प्राधिकरण में धरना दे रहे किसानों के बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने पहले तो जबरदस्ती किसानों की जमीन ले ली। अब उनके साथ अत्याचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर आगामी संसद सत्र में भी नोएडा के किसानों के मुद्दे को उठाएंगे। वहीं, किसानों के इस आंदोलन में सोमवार को सपा के कई कार्यकर्ता और नेता भी शामिल हुए।
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नोएडा प्राधिकरण की ओर निकले ये किसान पिछले 1 हफ्ते से भी ज्यादा समय से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में पुलिस ने इनमें से 11 किसानों को जेल भेज दिया था, लेकिन किसानों की एकजुटता को देखते हुए सभी 11 गिरफ्तार किसानों को जेल से रिहा किया गया। इसके बाद सोमवार को एक बार फिर किसान भारी मात्रा में प्राधिकरण का घेराव करने पहुंच गए। किसानों का कहना है कि आबादी की जमीन जो प्राधिकरण मनमाने तौर पर कब्जा कर रहा है, उसे छोड़ा जाए। वहीं, किसानों को 10 प्रतिशत का प्लॉट और 64 प्रतिशत का मुआवजा भी जल्द से जल्द दिया जाए। साथ ही किसानों का कहना है कि प्राधिकरण गांव के लिए नई नक्शा नियमावली ला रहा है, जो गलत है और वह इसका विरोध करते हैं। हालांकि, किसानों ने पुलिस नोक-झोक की खबरों का खंडन किया है। किसानों का कहना है कि प्राधिकरण के दबाव में वह बिल्कुल नहीं आएंगे।