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इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर की ये बड़ी टिप्पणीविशेषज्ञ समूह की राय के बाद यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। शासन से अनुमोदन के बाद सेक्शन-11 के तहत प्रारंभिक अधिसूचना जारी होगी। एयरपोर्ट निर्माण की नोडल एजेंसी यीडा ने 6 अगस्त को शासन स्तर पर प्रजेंटेशन देकर साफ किया था कि जब सरकार लोक प्रयोजन के लिए भूमि अधिगृहीत करती है तो सहमति की जरूरत नहीं होती है। आपको बता दें कि क्षेत्र के किसान अपनी जमीन के चार गुने मुआवजे की सरकार से मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार दो गुना मुआवजा देने के लिए तैयार है।
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इन किसानों को सालों पहले जमीन बेचने के बावजूद योगी सरकार देगी इतना पैसाअभी पिछले सप्ताह ही ग्रेटर नोएडा पहुंचकर सीएम योगी ने किसानों से मिलकर उनको जमीन देने के लिए राजी करने की कोशिश की थी। लेकिन किसानों ने चार गुने से कम मुआवजे पर जमीन देने से इनकार कर दिया था। तब सीएम योगी ने किसानों से कहा था कि अगर आप लोग जमीन नहीं देंगे तो एयरपोर्ट हरियाणा के सिरसा जिले में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वहीं खबरों के मुताबिक दूसरी ओर अब सरकार किसानों की सहमति के बिना जमीन लेने की तैयारी में है।
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मेरठ में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को लेकर इस जिले से उठी ये आवाज, मची खलबलीभूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा-2(1) में इसका प्रावधान है। भूमि का अधिग्रहण नागरिक उड्डयन विभाग करेगा और स्वामित्व राज्य सरकार का होगा। इस तरह भूमि का नियंत्रण राज्य सरकार की ओर से स्वयं अथवा अपने अधीन किसी अभिकरण, उपक्रम या एजेंसी के पास रहेगा। विशेष सचिव नागरिक उड्डयन सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट का निर्माण लोक परिवहन की श्रेणी में आता है।
यह भी देखें-देश के नाम भारी बारिश में भी दौड़े लोग लोक प्रयोजन के तहत इस एयरपोर्ट को राज्य सरकार के स्वयं के उपयोग व नियंत्रण में मानते हुए भू-स्वामियों की सहमति से मुक्त रखा जाना उचित होगा। पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन में यीडा की राय से निदेशक भूमि अध्याप्ति ने भी सहमति प्रकट की है। शासन स्तर पर निर्णय हुआ है कि इस प्रकरण को न्याय विभाग को भेजकर राय ले ली जाए। न्याय विभाग की राय के बाद ही गौतमबुद्धनगर के डीएम को अगली कार्यवाही के लिए निर्देशित किया जाएगा।