इस बाबत जानकारी देते हुए ज्योतिष राकेश मिश्रा बताते हैं कि फरवरी माह जन्मे जातकों पर शनि की राशि कुम्भ का प्रभाव सबसे अधिक होता है। कुम्भ राशि के स्वामी शनि देव होते हैं। यह राशि प्राकृतिक रूप से विचारशील व शांतचित्त वाली है। इस माह में जन्मे लोग आत्म-नियंत्रक होते हैं और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होते हैं। वह प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए अपने कार्य क्षेत्र में एक विशेष मुकाम हासिल करते हैं।
घर के बाहर बनाते हैं पहचान यूं तो घर के लोग इन्हें इतनी मान्यता नहीं देते, लेकिन बाहर ये असीम प्रसिद्ध हासिल करते हैं। ये लोग समय-समय पर कुछ न कुछ ऐसा करते हैं जिससे सभी आश्चर्यचकित हो जाते हैं। आर्थिक मामलों में ये अधिक संपन्न नहीं होते, लेकिन अपनी जिम्मेदारियों से कुछ अधिक ही अर्जन करते हैं। इन्हें अपने लक्ष्य के प्रति सनकी भी कहा जा सकता है।
कर देते हैं सामाजिक कार्यों का त्याग ऐसे जातक अपने कार्य के सामने निजी या सामाजिक कार्यों का भी त्याग कर लेते हैं। इनमें धैर्य का अभाव रहता है। अगर ये धैर्य से काम करें तो कई काम बिना किसी रुकावट के पूरे हो सकते हैं। इनकी विचारधारा मौलिक होती है और ये अपने दम पर अपना नाम रोशन करने का दम रखते हैं। दूसरे लोग क्या कहते हैं इनके बारे में, ये इसकी परवाह नहीं करते।
होती सकती हैं ये बीमारी ज्योतिष मिश्रा की मानें तो फरवरी में जन्में जातक की कुंडली में गुरु या शनि विपरीत होने पर कई बीमारी हो सकती हैं। इनमें लीवर, आंत व पैरों में तकलीफ से जुड़ी समस्या शामिल हैं। इन जातकों को इस स्थिति में देवगुरु व शनि की आराधना करनी चाहिए।