दरअसल मामला गाजियाबाद का है जहां की रहने वाली सुकन्या का कहना है कि उन्होंने जब वुमेन हेल्पलाइन 1090 नंबर पर फोन किया तो उसमें नंबर गलत बताया। ( आपके द्वारा डायल किया गया नंबर गलत है कृपया नंबर जांच लें और पुन: डायल करें ) सुकन्या से बात करने के बाद जब हमने 1090 हेल्पलाइन पर दुबारा कॉल किया तो एक बार फिर नंबर नहीं मिला और नंबर को ही गलत बताया जा रहा था।
हर रोज किसी न किसी मुसीबतों का सामना करने वाली महिलाओं और लड़कियों को घर या बाहर हर जगह दिन रात उन्हें अलग-अलग परिस्थितियों में खुद को बचाने, सुरक्षित रखने और कुछ करने की आजादी के लिए तमाम तरह के जद्दोजहद करनी पड़ती हैं। सुकन्या का कहना है कि गाजियाबाद नोएडा में तमाम कंपनिया हैं जिसमें देश के कोने-कोने की महिलाएं और लड़किया जॉब करती हैं। ऐसे में अपनी सुरक्षा को लेकर उनका एक हथियार ये वुमन हेल्पलाइन नंबर है, लेकिन मुसिबत में नंबर नहीं मिलने पर यहां असुरक्षा की भावना उत्तपन्न होती है।
दरअसल उत्तर प्रदेश में भी 2012 में महिलाओं की सुरक्षा और उनमें जागरूकता के लिए 1090 हेल्पलाइन की शुरुआत की गई। इसे ‘वीमेन पावर हेल्पलाइन’ का नाम दिया गया। उसी साल दिसंबर में निर्भया कांड के बाद अखिलेश सरकार ने 1090 पर खास ध्यान दिया। 1090 नंबर पर कोई भी पीड़ित महिला अश्लील कॉल, मैसेज आने पर अपनी शिकायत इस नंबर पर नि:शुल्क दर्ज करवा सकती है। इसके लिए महिलाओं को कई विशेष प्रावधान भी दिए गए हैं।
1-शिकायत करने वाली महिला की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती हैपीड़िता को किसी भी हालत में थाने या किसी पुलिस ऑफिस में नहीं बुलाया जाता। 2-हेल्पलाइन में हर हाल में पीड़िता से महिला पुलिस अधिकारी ही बात कर शिकायत दर्ज करती है।
3-महिला पुलिसकर्मी अपने सीनियर पुरुष पुलिसकर्मियों को पीड़ित की केवल उतनी ही जानकारी या सूचना उपलब्ध कराती हैं, जो मामले की जांच में सहायक हो सके।
4-कॉल सेंटर दर्ज शिकायत पर तब तक काम करता रहता है, जब तक उस पर कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती।
3-महिला पुलिसकर्मी अपने सीनियर पुरुष पुलिसकर्मियों को पीड़ित की केवल उतनी ही जानकारी या सूचना उपलब्ध कराती हैं, जो मामले की जांच में सहायक हो सके।
4-कॉल सेंटर दर्ज शिकायत पर तब तक काम करता रहता है, जब तक उस पर कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती।