बता दें कि आरडब्ल्यू के सहयोग से ही यह स्टार्टअप लोगों तक जरूरत के सामान पहुंचाएगा। आरडब्ल्यूए सेक्टर-62 के अध्यक्ष आर के उप्रेती ने बताया कि उनसे इसके लिए संपर्क किया गया था। उनकी संस्था छात्रों के पूरे सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस दौर में छात्र अच्छा कार्य कर रहे हैं। कमोडिटी की कमी से निपटने के लिए पांच छात्रों ने की यह योजना शानदार है।
छात्र अश्वनी मौर्या, पार्थ धर, रुद्राक्ष सिंघल, हर्ष गोयल और देवांशु मोंगा ने बताया कि ग्रोवेनको में जरूरी उत्पादों की एक बड़ी लिस्ट है, जो वर्तमान समय में अनुपलब्ध सी लगती है। लेकिन, स्टार्टअप के जरिये ये वस्तुएं निम्न और मध्यम वर्ग के घरों में आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जिस तरह से जरूरी सामान की ब्लैकमार्केटिंग चली है। उनका ऐप इस समस्या के लिए एक बड़ा समाधान है। छात्रों की मानें तो यह स्टार्टअप बिग बाजार व अन्य सुपरमार्केट की तरह ही काम करता है, लेकिन उनसे कहीं अधिक लागत प्रभावी है।