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एनईए अध्यक्ष विपिन मल्हन ने कहा कि मौजूदा हालात से उद्यमी चिंतित हैं। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उद्योगों को सुचारू रूप से चलाने में कई माह का समय लगेगा। उन परिस्थितियों से उबरने में उद्योगों को काफी वित्तीय मदद की भी आवश्यकता होगी। श्रमिकों के भारी संख्या में पलायन के बाद उनके पुन: आने तक इन्तजार करना या नये श्रमिकों को भर्ती करके उन्हें ट्रेंड करना भी बड़ी चुनौती होगी। मल्हन ने कहा कि सरकार के राजस्व एवं रोजगार देने में महत्वपूर्ण योगदान करने वाला एमएसएमई सेक्टर पहले से ही वैश्विक मंदी की मार से टूटा हुआ है। उस पर कोरोना जैसी महामारी के कारण हुए लॉकडाउन ने उसे भारी नुकसान की स्थिति में पहुंचा दिया है। ऐसे समय में उद्यमी सरकार से रियायत और सहयोग की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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विपिन मल्हन ने इन समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान दिलाते हुए बैंक से लिए गए कर्ज का लॉकडाउन की अवधि का ब्याज माफ करने और लॉकडाउन अवधि का कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन का भुगतान ईएसआईसी से कराने की मांग की। उन्होंने लॉकडाउन अवधि का बिजली बिल में लगने वाले फिक्स चार्ज को भी मॉफ करने के साथ ही प्राधिकरण द्वारा लिए जाने वाले लीज रेंट को भी माफ करने की मांग की। इसके साथ ही लॉकडाउन समाप्त होने के बाद बैंक द्वारा एक साल तक का ब्याज मुक्त कर्ज देने की भी मांग की गई। विपिन मल्हन ने बताया कि इन उपायों और सहयोग से एमएसएमई सेक्टर को पुनर्स्थापित करने में मदद मिलेगी।