नोएडा

Electricity Theft : लोगों ने ढूंढा बिजली चोरी करने का नया तरीका, लोग हर महीने इस तरह लगा रहे चपत

New way of stealing electricity : बिजली विभाग की गोपनीय जांच में बिजली चोरी करने के नए तरीके का खुलासा हुआ है। बिजली चोरी के इन नए मामलों में कहीं न कहीं बिजली मीटर रीडर भी शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि बिजली चोरों मीटर में छेड़छाड़ करके करीब 14 लाख यूनिट की चपत लगाई है।

नोएडाSep 06, 2022 / 03:18 pm

lokesh verma

Electricity Theft : लोगों ने ढूंढा बिजली चोरी करने का नया तरीका, लोग हर महीने लगा रहे चपत।

New way of stealing electricity in up : बिजली विभाग के अधिकारी बिजली चोरी रोकने के लिए आए दिन छापेमारी से लेकर नए-नए प्लान पर कार्य कर रहे हैं, लेकिन बिजली चोरों से पार नहीं पा रहे हैं। क्योंकि बिजली चोरी करने वालों ने बिजली चोरी का एक नया तरीका ढूंढ निकाला है। इसका खुलासा उत्तर प्रदेश के कई शहरों में की गई जांच में हुआ है। बिजली चोरी के इन नए मामलों में कहीं न कहीं बिजली मीटर रीडर भी शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि बिजली चोरों मीटर में छेड़छाड़ करके करीब 14 लाख यूनिट की चपत लगाई है।
बता दें कि दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद शहर में सबसे पहले बिजली चोरी के नए तरीके का खुलासा हुआ था। बिजली चोरों ने सिर्फ गाजियाबाद में ही विभाग को करोड़ों की चपत लगाई। इसके बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में गोपनीय जांच की गई तो पता चला कि सभी जगह नए तरीके से बिजली चोरी की जा रही है। जानकारी के अनुसार, बिजली उपभोक्ता मीटर रीडर से रीडिंग के समय सेटिंग कर लेते थे। रीडर प्राइवेट कंपनी के होने के कारण 3 से 6 महीने में बदल जाते हैं। इसलिए वे रीडिंग को कम नोट करते थे।
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…तो ये है बिजली चोरी का नया फंडा

उदाहरण के तौर पर मीटर में एक महीने की रीडिंग 1000 आती है तो रीडर कुछ पैसे के एवज में कम लिख जाते और बिल बनाने वाले भी कम का बिल बना देते थे। लेकिन, मीटर पर दिख रही रीडिंग एक न एक दिन पकड़ी जा सकती है। इसलिए मीटर रीडर उस क्षेत्र से अपनी डयूटी बदलने से पूर्व उपभोक्ता से सांठ-गांठकर मीटर को खराब बता बिजली विभाग में जमा कराने की कहता या फिर मीटर को जला हुआ दिखा देता। इस तरह से मीटर की असल रीडिंग खराब मीटर के साथ ही खत्म हो जाती।
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यूपी के विभिन्न शहरों में हुई गोपनीय जांच

मीटर को खराब या जला हुआ दिखाने के बाद बिजली विभाग में जमा कर दिया जाता है। उसके साथ एक रिपोर्ट भी लगाई जाती है। जांच में पाया गया कि एकाएक खराब मीटरों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई। 16 डिवीजन में महज 5 महीने में ही 5 हजार से अधिक खराब मीटर जमा हुए। विभाग को इस पर शक हुआ तो उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में जांच के बाद बिजली चोरी करने के नए तरीके को पकड़ा गया। गहराई से जांच में पता चला है कि बिजली चोरों ने लगभग 14 लाख यूनिट की चपत लगाई है।

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