यह भी पढ़े – ग्रेनो में हिस्ट्रीशीटर को बाइक सवार बदमाशों ने गोलियों से भूना, अस्पताल में मौत चंद्रभान ने सीएमओ व पुलिस से शिकायत की उधर, चंद्रभान ने आरोप लगाया था कि एनेस्थीसिया की अधिक डोज देने के कारण उनकी पत्नी कोमा में गई है। जिसके बाद उसने जिले के सीएमओ व थाना बिसरख पुलिस से शिकायत की थी। गत 26 अगस्त को यथार्थ अस्पताल में उपचार के दौरान ललिता की मौत हो गई थी। इसके बाद थाने में दर्ज मुकदमे में धारा 304 की बढ़ोतरी की गई। इस मामले में डीसीपी नोएडा सेंट्रल राजेश एस ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान आईवीएफ सेंटर के चिकित्सक प्रियरंजन ठाकुर ने उपलब्ध कराए शिक्षा दास्तावेज में वर्ष 2005 की एमबीबीएस की डिग्री उपलब्ध कराई थी। यह डिग्री भूपेंद्र नारायण यूनिवर्सिटी लालू नगर मधेपुरा बिहार से जारी की गई थी।
यह भी पढ़े – बांके बिहारी मंदिर के मार्गों की CCTV कैमरे से होगी निगरानी, योजना पर काम शुरू आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज उन्होंने बताया कि उक्त संस्थान से प्रियरंजन ठाकुर द्वारा उपलब्ध कराई गई एमबीबीएस की डिग्री की जांच कराई गई तो यह डिग्री फर्जी पाई गई। संस्थान ने स्पष्ट कहा कि उनके यहां से यह डिग्री जारी नहीं हुई है। डीसीपी नोएडा सेंट्रल ने बताया कि जांच पड़ताल में प्रपत्र फर्जी पाए जाने पर प्रियंरजन ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने व इलाज में लापरवाही बरतने सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा गया है।