नोएडा

साइबर जालसाजों ने निकाला ठगी का नया तरीका, पेटीएम, गूगल-पे और फोन-पे पर भूलकर भी न करें चैटिंग

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में तैनात साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर विकास यादव ने बताया कि खाते में पैसे भेजने के लिए कोई भी न तो रिक्वेस्ट भेजता है और न ही पिन नंबर पूछता है।

नोएडाDec 11, 2021 / 12:24 pm

Nitish Pandey

नोएडा. साइबर ठग हमेशा नए-नए तरीके से लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं। ऑनलाइन लेनदेन जहां एक ओर लोगों की सुविधा के लिए है तो वहीं साइबर अपराधी इससे लोगों को चूना लगा रहे हैं। साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका निकाला है। अब ये ठग पेटीएम, गूगल-पे और फोन-पे पर चैटिंग करके बैंक अकाउंट को खाली कर रहे हैं।
दरअसल, ये जालसाज पेटीएम, गूगल-पे और फोन-पे पर फर्जी मैसेज भेज कर लोगों को झांसे में ले रहे हैं। अमूमन लोग भ्रमित होकर झांसे में आ जाते हैं तथा रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर चैटिंग शुरू कर देते हैं। साइबर अपराधी उन्हें खाते में पैसे भेजने का फर्जी मैसेज भी चैटिंग के दौरान भेज कर भरोसा जीतने का काम कर रहे हैं।
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अभी तक ये जालसाज बैंक अधिकारी बनकर कॉल करते थे और खाता की जानकारी लेकर ठगी करते हैं। इसके अलावा भी अन्य कई प्रकार से ठगी कर लोगों का खाता खाली कर रहे थे। लेकिन अब उन्होंने पैसों का लेनदेन करने वाली ऑनलाइन सुविधा गूगल-पे, फोन-पे व पेटीएम से चेटिंग करना शुरू कर दिया है। पहले वह संबंधित मोबाइल नंबर पर एक्सेप्ट भेजते हैं तथा उसे रिसीव करते ही चेटिंग शुरू कर देते हैं। इस दौरान वह चेटिंग के बीच में ही पैसे ट्रांसफर करने का फर्जी मैजेस भेजते हैं।
इतना ही नहीं, फिर कॉल कर बातचीत शुरू कर देते हैं तथा परिचित होने का झांसा देते हैं। यदि दौरान साइबर ठगों के अनुसार गूगल-पे, फोन-पे या पेटीएम पर छेड़छाड़ करते रहे तो वह अपने खाते में आसानी से पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं।
कैसे होती है चैटिंग

मौजूदा समय में अधिकांश लोगों के मोबाइल में गूगल-पे, फोन-पे व पेटीएम है। परंतु तमाम लोगों को यह जानकारी नहीं है कि पैसों का लेनदेन करने वाले इन सभी एप पर चैटिंग का ऑप्शन भी है। साइबर ठग इसी का फायदा उठा रहे हैं। सभी एप पर जिस स्थान पर पैसे ट्रांसफर करने का ऑप्शन होता है ठीक उसके बराबर में ही मैसेज का आप्शन भी होता है। साइबर अपराधी किसी भी नंबर को मोबाइल में सेव कर यहीं से चेटिंग शुरू करते हैं।
रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में तैनात साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विकास यादव ने बताया कि खाते में पैसे प्राप्त करने के लिए कोई भी न तो रिक्वेस्ट भेजता है और न ही पिन नंबर पूछता है। जबकि साइबर ठग गूगल-पे, फोन-पे या पेटीएम पर रिक्वेस्ट भेज कर पैसों का लेनदेन शुरू कर देते हैं। लिहाजा किसी भी अंजान व्यक्ति की रिक्वेस्ट को ओके न करें।
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