यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने कहा- मैंने प्रोटोकॉल तोड़कर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से मांगी थी मदद मीडिया से मुखातिब होते हुए डीएम बीएन सिंह ने कहा कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में कुछ वर्षों से वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है, जो कि अक्टूबर से फरवरी के मध्य प्रतिकूल वातावरण के कारण अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाता है। हवा में पीएम-10 और पीएम-2.5 की मात्रा को काबू रखने के लिए जरूरी है कि क्षेत्र प्रदूषण के नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसके लिए जिला प्रशासन और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड समय-समय पर कड़ी कार्रवाई की जाती रही है। इसके तहत वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेंट कॉरिडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमेटेड के प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे रेलवे ट्रैक के निर्माण के दौरान पैदा होने वाली धूल की रोकथाम का कोई प्रबंध नहीं किया जा रहा था। इसके लिए 7 मई को निर्देश जारी किए गए हैं। उसके बावजूद भी प्रोजेक्ट के निरीक्षण के दौरान पाया गया की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। वहीं निर्माण स्थल पर मिट्टी लाने वाले अधिकांश वाहन खुली अवस्था में मिट्टी ट्रांसपोर्ट करते हुए पाए गए। इसलिए डीएफसीसी के ठेकेदार मैसर्स लार्सन एंड टुबरो कम्पनी के चीफ जरनल मैनेजर और प्रोजेक्ट मैनेजर मेसर्स लार्सन एंड टुबरो के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में मुकदमा दायर कराया गया है।
यह भी पढ़ें- एयर होस्टेस से बोला युवक- मेरी बात मान लो, नहीं तो तुम्हारे साथ भी होगा निर्भया जैसा कांड, देखें वीडियो- इसी प्रकार एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा पंडित दीन दयाल उपाध्याय इस्टीट्यूट ऑफ आर्केलाजी, नालेज पार्क-2, ग्रेटर नोएडा का निर्माण किया जा रहा है। प्रोजेक्ट में वायु प्रदूषण रोकने के लिए 7 मई 2018 को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए थे और पूर्व के दो निरीक्षणों के दौरान निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने के एनजीटी द्वारा पारित आदेशों के अनुसार 5 लाख जुर्माना लगाया गया था। इसके बावजूद भी प्रोजेक्ट के निरीक्षण में नियमों का उल्लंघन पाया गया, जिसके बाद मैनेजिंग डायरेक्टर, एनबीसीसी और उक्त के ठेकेदार कंपनी मैसर्स राणा कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के जरनल मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है।
योगी सरकार की कर्जमाफी पर उठे सवाल, खाते में नहीं आया भुगतान, किसान ने बैंक में ही तोड़ दिया दम, देखिये वीडियो डीएम बीएन सिंह ने बताया कि कार्रवाई की सूचना सचिव, संस्कृति मंत्रालय, अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड, सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, अध्यक्ष, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं प्रमुख सचिव, पर्यावरण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार को दे दी गई है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने इस वर्ष अक्टूबर से अब तक 141 दोषियों के विरूद्ध लगभग 1 करोड़ रुपये पर्यावरण क्षतिपूर्ति प्रशमन आरोपित किया जा चुका है। वहीं 25 लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।