यह भी पढ़ें
Diwali
li 2018 : बस इतने दिन बचे हैं दिवाली को, तैयारियां शुरू, दीपावली से पहले जाने कुछ खास बातें क्यों मनाई जाती है दीपावली या दिवाली (Diwali) हिंदू धर्म में दिवाली या दीपावली के त्योहार का खासा महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम श्रीलंका में रावण का वध करके वापस अयोध्या लौटे थे। उस समय पूरी अयोध्या को दीपों से जगमगा दिया गया था। इसके बाद से ही अमावस्या को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन दीपों की रोशनी से अमावस्या का अंधेरा दूर हो जाता है। यह भी पढ़ें
दीवाली से पहले चलेगी हमसफर एक्सप्रेस, आईआरसीटीसी से करें टिकट बुक
दिवाली (Diwali) पर यह है मान्यतानोएडा के सेक्टर-44 निवासी पंडित रामप्रवेश तिवारी का कहना है कि इस साल दिवाली (Diwali 2018) का पर्व 7 नवंबर 2018 को मनाया जाएगा। यह अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। उनका कहना है कि कार्तिक मास की अमावस्या की आधी रात को मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं। इस वजह से दिवाली से पहले पूरे घर की सफाई की जाती है और रंगोली इत्यादि से इसे सजाया जाता है। माना जाता है कि जहां पर साफ-सफाई होती है, मां लक्ष्मी वहां पर आती हैं। इस वजह से उस दिन अधिकांश लोग घर के दरवाजे खाेलकर रखते हैं।
यह भी पढ़ें
योगी सरकार का राज्य कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, डीए और बोनस नवंबर में
Diwali 2018 का यह है Shubh Muhurt पंडित रामप्रवेश तिवारी का कहना है कि इस बार दिवाली (Diwali 2018) यानी 7 नवंबर 2018 को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त एक घंटे 56 मिनट का है। इस बार पूजा का शुभ मुहूर्त बुधवार 7 नवंबर 2018 को शाम को 5.57 से शुरू होकर शाम को 7.53 तक रहेगा। अमावस्या तिथि 6 नवंबर 2018 यानी मंगलवार को रात 10.27 बजे से लग जाएगी, जो अगले दिन 7 नवंबर 2018 यानी बुधवार को रात 9.31 तक रहेगी। इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहेगी। यह भी पढ़ें
दीपावली और छठ पर अगर ट्रेन से जाना चाहते हैं घर, तो यात्रीगण कृपया ध्यान दें और पहले पढ़ें यह खबर
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 7 नवंबर 2018- शाम 5.57 से 7.53 प्रदोष काल- 7 नवंबर 2018- शाम 5.27 से रात 8.06 वृषभ काल- 7 नवंबर 2018- शाम 5.57 से शाम 7.53 अमावस्या तिथि आरंभ- रात 10.27 (06 नवंबर) अमावस्या तिथि समाप्त- रात 9.31 (07 नवंबर)