आयकर विभाग ने झांसी के बड़े रियल इस्टेट कारोबारी घनाराम समूह और उनके सहयोगियों के झांसी, कानपुर, लखनऊ, दिल्ली और नोएडा स्थित ठिकानों पर कार्रवाई की थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने शुक्रवार को जानकारी दी कि औद्योगिक समूह पर की गई कार्रवाई में अरबों की अघोषित कमाई का खुलासा हुआ है। सीबीडीटी के मुताबिक घनाराम समूह सरकारी ठेके लेने के साथ ही रियल इस्टेट क्षेत्र में भी सक्रिय है। आयकर विभाग को सरकारी ठेके से जुड़े कारोबार के विश्लेषण से पता चला कि समूह हर वित्त वर्ष के अंत में अपने बहीखातों में जोड़-तोड़कर और मुनाफा कम दिखाकर टैक्स चोरी करता था।
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‘हर-हर शंभू’ गाने की गायिक फरमानी नाज का गाना यूट्यूब ने हटाया, जानिए क्या कर दी गलती टैक्स बचाने के लिए छुपा रही थी आय सीबीडीटी के अनुसार बहीखातों में जोड़-तोड़, फर्जी खर्चों के दावे और संदिग्ध लेनदारों का रिकॉर्ड खंगाला गया जिनमें से किसी का अस्तित्व नहीं पाया गया। जब्त दस्तावेजों से फर्जी खर्चों और असत्यापित विविध लेनदारों के संदर्भ में 150 करोड़ रुपये से अधिक के दावे का पता चला। सीबीडीटी ने कहा कि रियल इस्टेट क्षेत्र में सक्रिय समूह की कंपनियों ने टैक्स चोरी के लिए स्टांप शुल्क भी नहीं छोड़ा। स्टांप शुल्क कम दिखाकर करोड़ों की कर चोरी की गई जिसके प्रमाण मिल चुके हैँ। घनाराम समूह की कंपनियां पर्याप्त निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी बहीखातों में टैक्स बचाने के लिए आय छिपा रही थीं।