रूद्रावतार हनुमान जी को बल, पराक्रम, साहस, वीरता एवं स्वामी भक्ति के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। श्री राम चन्द्र के परम भक्त हनुमान जी की जयंती वर्ष में दो बार मनायी जाती है। शास्त्रों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के साथ-साथ कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती मनाई जाती है। कार्तिक मास के सोमवार को कृष्ण त्रयोदशी है, सोमवार को त्रयोदशी तिथि रात 11 .47 बजे खत्म होगी. आधी रात के बाद कार्तिक चतुर्दशी का पवित्र दिवस है। जब हनुमान जयंती मनाएंगे। कार्तिक चतुर्दशी को ही आधी रात को हनुमान जी का जन्म हुआ था।
आप अगले दिन भी हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं यानी 6 नवंबर को। हनुमान जी को पिला सिंदूर चमेली के तेल में मिलाकर चढ़ाएं। इस दिन आप बजरंग बाण का पाठ करने से सभी विपत्तियों का नाश होता है और कोई भी बाह्य शक्ति भी परेशान नहीं करती है। हनुमान जी की विशेष अराधना ढैया और साढ़ेसाती के कुप्रभावों से भी बचाती है।