ऐसे खुली पोल अपर पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) रणविजय सिंह के मुताबिक, कुछ दिन पहले सेवानिवृत्त अधिकारी सुदामा प्रसाद ने थाना सेक्टर- 113 में मामला दर्ज करवाया था कि कुछ लोगों ने उनकी बंद पड़ी पॉलिसी को चालू करने के नाम पर उनसे संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने एक करोड़ 62 लाख रुपये ले लिए। अधिकारी ने बताया कि आरोपी गाजियाबाद के साहिबाबाद में अवैध कॉल सेंटर चलाते थे और वहीं से लोगों को फोन करके अपने जाल में फंसाते थे। इन लोगों ने सैकड़ों लोगों से ठगी करने की बात स्वीकार की है।
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प्रेमिका ने प्रेमी से मिलने के लिए पार की सारी हदें, बांग्लादेश से तैरकर आई भारत और फिर… ऐसे देते थे वारदात को अंजाम पुलिस टीम और साइबर सेल ने बुधवार शाम को गाजियाबाद के भोपुरा स्थित दिलशाद प्लाजा में एक कार्यालय में छापेमारी कर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया। पुलिस टीम ने मौके से कॉल सेंटर संचालक मीत नगर दिल्ली निवासी सोनू, राज नगर गाजियाबाद निवासी रोहित, लोनी गाजियाबाद निवासी अश्वनी कुमार, राहुल, गोकुलपुरी दिल्ली निवासी नीलेश, फरीदाबाद हरियाणा निवासी अजय, हर्ष विहार दिल्ली निवासी संध्या, भोपुरा निवासी चंचल, हर्ष विहार दिल्ली निवासी संजना, भोपुरा निवासी श्रुति, अंजली, मोहिनी, नन्द नगरी दिल्ली निवासी केसर, चंचल गुप्ता, जोहरीपुर दिल्ली निवासी प्रियंका और हर्ष विहार दिल्ली निवासी बरखा को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ सेक्टर-113 थाने में धारा 420 और 66 आईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
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हाउस टैक्स की मार के बाद गाजियाबाद में बढ़ा पार्किंग शुल्क, जानें अब कितना देना होगा किराया दो साल से कर रहे थे जालसाजी उधर, पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि पकड़ें गए गैंग के पास से बरामद हुए डाटा से पता चला है कि ये लोग वर्ष 2020 से इस फर्जी कॉल सेंटर को चला रहे थे। इन लोगों ने बहुत से लोगों से संपर्क कर करोड़ों रुपये की ठगी की है। इसके अलावा आरोपियों के दो बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी मिली है जिसमें लगभग 11 लाख रुपये हैं। दोनों खातों को सीज किया गया है और अन्य खातों और संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।