वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती को मिली जमानत, जानिये क्या है पूरा मामला
खबर के मुख्य बिंदु-
गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद आरती सहवाग हुईं कोर्ट में पेश
आरती को न्यायिक अभिरक्षा में लेने के बाद मिली जमानत
सूरजपुर स्थित जिला न्यायालय में विचाराधीन है मामला
वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती को मिली जमानत, जानिये क्या है पूरा मामला
नोएडा. पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती सहवाग को चेक बाउंस के मामले में उन्हें सूरजपुर स्थित जिला न्यायालय से जमानत मिल गई है। आरती सहवाग पर आरोप है कि वह फल के उत्पाद बनाने वाली एसएमजीके एग्रो प्रोडक्ट कंपनी में साझेदार हैं। एसएमजीके एग्रो प्रोडक्ट कंपनी ने लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी को एक आर्डर पूरा नहीं करने के बाद पिछले साल ढाई करोड़ रुपये का चेक दिया था, जो बाउंस हो गया था। जिला कोर्ट में वाद दायर होने के बाद गैर जमानती वारंट जारी किया गया था, जिसको लेकर आरती सहवाग शुक्रवार को न्यायालय में पेश हुईं।
अधिवक्ता सूर्यप्रताप सिंह ने पूरे मामले में जानकारी देते बताया कि लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी ने दिल्ली के अशोक विहार स्थित एसएमजीके एग्रो प्रोडक्ट कंपनी के पास रुपये जमा कराकर वर्क आर्डर दिया था। लेकिन, एसएमजीके कंपनी यह आर्डर पूरा नहीं कर सकी। इसके बाद एसएमजीके कंपनी को लखनपाल प्रमोटर्स को राशि वापस करनी थी, जिसके लिए एसएमजीके ने लखनपाल प्रमोटर्स को ढाई करोड़ रुपये का चेक दे दिया। जैसे ही लखनपाल प्रमोटर्स ने बैंक में चेक लगाया तो वह बाउंस हो गया था। इसके बाद लखनपाल प्रमोटर्स ने एसएमजीके को कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया।
इसके बाद लखनपाल प्रमोटर्स ने न्यायालय की शरण ली और एसएमजीके की एमडी प्रभा कक्कर के साथ साझेदार आरती सहवाग, हरिकिशन चावला, रिशी प्रकाश गुप्ता, अशोक मेहरोत्रा और अब्दुल आसिफ के खिलाफ एनआई एक्ट के तहत जिला न्यायालय में वाद दायर कर दिया। इस पर न्यायालय ने आरोपियों को को पेश होने के लिए कहा, लेकिन जब कोई पेश नहीं हुआ तो जिला न्यायालय ने 31 मई को गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। जिसको लेकर आरती सहवाग शुक्रवार को जिला अदालत में पेश हुईं। जहां आरती को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया। हालांकि इसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।
आरती सहवाग बोलीं- मैंने नहीं किए चेक पर हस्ताक्षर जिला अदालत में पेशी के दौरान आरती सहवाग ने कहा कि वह कंपनी में रोजाना के मामले देखने के लिए वर्किंग साझेदार नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने चेक पर भी हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस पर जिला अदालत ने आरती सहवाग को निजी मुचलके और एक-एक लाख रुपये के जमानती शपथ पत्र पर जमानत दे दी है।