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इसके बाद एनईए पदाधिकारी साथी कर्मचारियों के साथ कार्यालय में प्रवेश कर गए। इसके बाद गुस्साए किसानों ने कार्यालय के आस पास लगे सभी होर्डिंग पोस्टर बैनर को फाड़ दिया। जमीन पर फेंककर उसको जूता व चप्पलों से रौंदने लगे। इस दौरान किसानों ने जमकर प्राधिकरण विरोधी नारेबाजी की। इसके बाद हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री को लिखित पत्र के जरिये मामले से अवगत कराया जाए। लिखित पत्र शासन को भेजा गया, जिसमें लिखा गया है कि धरनारत किसानों की ओर से कार्यालय के स्वागत कक्ष समेत आस-पास प्राधिकरण की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। ऐसे पुलिस को निर्देश दिया जाए और तोड़फोड़ करने वाले किसानों को चिह्नित कर उन पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सरकारी काम में बाधा डालने के साथ राजस्व नुकसान की भरपाई कराई जाए।
भारतीय किसान परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने बताया कि एनईए अध्यक्ष चौधरी कुशलपाल सिंह सुबह अपने दल-बल के साथ धरना स्थल पहुंचे। अपनी मर्यादा भूल कर किसानों को औकात बताने लगे कि मेरे पास 15 गाड़ियां है और 150 बीघा जमीन है। मैं तुम्हारा धरना चलने नहीं दूंगा। उनका व्यवहार देखकर किसान साथी विरोध करने लगे, बढ़ता विरोध देखकर वह नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के अंदर घुस गए।
किसानों की इच्छा अनुसार मंच से ऐलान किया कि एनईए अध्यक्ष चौधरी कुशलपाल सिंह धरना स्थल पर आकर किसानों से माफी मांगे। अन्यथा उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। दो घंटा इंतजार करने के बाद भी जब नहीं आए तो उनके खिलाफ एक शिकायत पत्र एसीपी अंकिता शर्मा को दिया और उम्मीद जताई कि अभद्रता के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही नौ दिसंबर को नोएडा विधायक पंकज सिंह के आवास पर धरना करने का ऐलान किया गया।