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कैराना लोकसभा उपचुनाव में जीत के बाद रालोद उपाध्यक्ष
जयंत चौधरी का बड़ा बयान, कह दी ये बातवह लखनऊ में बैठकर ही चुनाव प्रचार पर नजर रखे हुए थे। इसके अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी कैराना में जनसभा करने के साथ ही कैंप भी किया था। इन सबके बावजूद भी भाजाप को दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। जो काम सीएम योगी कैराना लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के बाद भी नहीं कर पाए वह काम अखिलेश यादव ने लखनऊ में बैठे-बैठे कर दिया। यानी अखिलेश यादव ने अपनी रणनीति से लखनऊ में रहकर ही भाजपा को चारों खाने चित्त कर दिया।
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कैराना लोकसभा सीट पर जहां रालोद-सपा गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने लगभग 55000 वोट से जीत दर्ज की तो वहीं नूरपुर सीट पर गठबंधऩ प्रत्याशी नईमुल हसन ने 5662 वोट से जीत दर्ज की है। उपचुनाव से पहले इन दोनों सीटों पर भाजपा का कब्जा था। कैराना लोकसभा सीट भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन से जबकि नूरपुर सीट भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन से खाली हुई थी। कैराना में जहां दिवंगत भाजपा सांसद की बेटी मृगांका सिंह भाजपा प्रत्याशी थीं वहीं नूरपुर में दिवंगत विधायक की पत्नी अवनि सिंह। गुरुवार को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होने के बाद से ही गठबंधन प्रत्याशियों ने भाजपा प्रत्याशियों पर बढ़त बना ली जो उनके जीतने तक जारी रही।