5500 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा मेट्रो ट्रैक
नोएडा से ग्रेटर-नोएडा मेट्रो ट्रेक का निर्माण 29.707 किलोमीटर में किया जा रहा है। पूरा ट्रेक एलिवेटड है। इसके निर्माण में करीब 5500 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। इस दूरी को 22 स्टेशन कवर करेंगे। यहा पीक आवर में करीब 65 हजार मुसाफिर मेट्रो से सफर करेंगे। ट्रेक पर चलने वाले कोच के निर्माण के लिए चाइना की एक कंपनी को आर्डर दिए गए थे। ऐसे में पहली ट्रेन गुरुवार को चाइना के नानजिंग से भारत के लिए रवाना कर दी गई है। यह ट्रेन डेढ़ महीने का सफर तय कर गुजरात पहुंचेगी। जिसके बाद इसे सड़क मार्ग से इन्हें ग्रेटर नोएडा पहुंचाया जाएगा। गुजरात के डिपो से ग्रेटर नोएडा लाने के तैयारी पूरी की जा चुकी है।
नोएडा से ग्रेटर-नोएडा मेट्रो ट्रेक का निर्माण 29.707 किलोमीटर में किया जा रहा है। पूरा ट्रेक एलिवेटड है। इसके निर्माण में करीब 5500 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। इस दूरी को 22 स्टेशन कवर करेंगे। यहा पीक आवर में करीब 65 हजार मुसाफिर मेट्रो से सफर करेंगे। ट्रेक पर चलने वाले कोच के निर्माण के लिए चाइना की एक कंपनी को आर्डर दिए गए थे। ऐसे में पहली ट्रेन गुरुवार को चाइना के नानजिंग से भारत के लिए रवाना कर दी गई है। यह ट्रेन डेढ़ महीने का सफर तय कर गुजरात पहुंचेगी। जिसके बाद इसे सड़क मार्ग से इन्हें ग्रेटर नोएडा पहुंचाया जाएगा। गुजरात के डिपो से ग्रेटर नोएडा लाने के तैयारी पूरी की जा चुकी है।
वीडियो देखने के लिए यहां किल्क करें- https://youtu.be/y7DIp-SRsh0 मुंबई पोर्ट पर फंस गए थे मेट्रो कोच बतादें कि हाल ही में मेट्रो के कोच मुबंई के एक पोर्ट पर फंस गए थे। यहां कोच को छुड़ाने के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि दी जानी थी। जिसमें नोएडा प्राधिकरण को 70 करोड़ व ग्रेटर नोएडा को 30 करोड़ देने थे। काफी दिनों तक कोच फंसे रहने के बाद अंत में दोनों ही प्राधिकरण ने रकम जमा की। जिसके बाद कोच नोएडा के लिए रवाना किए गए।
अप्रैल-2018 में चलेगी पहली मेट्रो ट्रेन शहर में अभी तक डीएमआरसी DMRC द्वारा मेट्रो का संचालन किया जा रहा है। चीन से पहली मेट्रो भारत के रवाना एनएमआरसी NMRC के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। 29.7 किलोमीटर लंबे ट्रेक पर अप्रैल -2018 में मेट्रो का संचालन किया जाएगा। वर्तमान में यह बताया गया कि बायाडक्ट निर्माण का कार्य लगभग 80 प्रतिशत एवं स्टेशन निर्माण का सिविल कार्य 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है। डिपो निर्माण का कार्य पूरा किया जा चुका है। पटरियां बिछाने का कार्य किया जा रहा है। निर्माण कार्यों की भौतिक प्रगति 52 प्रतिशत तथा परियोजना की वित्तीय प्रगति 48 प्रतिशत है।