आस्था और उपासना का महापर्व ( Chhat Puja ) छठ पूजा 2018 इस बार 13 नवंबर को मानाया जाएगा। छठ पूजा कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे छठ, छठी माई के पूजा, छठ पर्व, छठ पूजा, डाला छठ, डाला पूजा, सूर्य षष्ठी व्रत आदि। छठ ( Chhat Puja 2018 ) चार दिवसीय उत्सव है। जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है। छठ व्रत सबसे कठीन व्रतों में से एक माना जाता है, इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं और पानी भी ग्रहण नहीं करते।
ये भी पढ़ें : Diwali 2018 : बस इतने दिन बचे हैं दिवाली को, तैयारियां शुरू, दीपावली से पहले जाने कुछ खास बातें
वैसे तो छठ पर्व प्रमुख रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। लेकिन इन दिनों ये देश के कई हिस्सों में मनाई जाती है। पश्चिमी यूपी में भी अब छठ का क्रेज देखने को मिलता है। नोएडा में तो छठ के एक दिन पहले स्टेडियम में बड़ा आयोजन होता है, जिसमें भोजपुरी समाज ( Bhojpuri Samaj ) से कई कालाकार आते हैं और अपनी प्रस्तुती देते हैं। जिसे लेकर पूर्वांचल समीति के लोग तैयारियां करने लगे हैं।
वैसे तो छठ पर्व प्रमुख रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। लेकिन इन दिनों ये देश के कई हिस्सों में मनाई जाती है। पश्चिमी यूपी में भी अब छठ का क्रेज देखने को मिलता है। नोएडा में तो छठ के एक दिन पहले स्टेडियम में बड़ा आयोजन होता है, जिसमें भोजपुरी समाज ( Bhojpuri Samaj ) से कई कालाकार आते हैं और अपनी प्रस्तुती देते हैं। जिसे लेकर पूर्वांचल समीति के लोग तैयारियां करने लगे हैं।
ये भी पढ़ें : दीपावली और छठ पर अगर ट्रेन से जाना चाहते हैं घर, तो यात्रीगण कृपया ध्यान दें और पहले पढ़ें यह खबर
हिंदू धर्म में छठ पूजा एकमात्र ऐसा त्योहार है जिसमें उदयाचल सूर्य के अलावा अस्ताचलगामी सूर्य की भी पूजा की जाती है। छठ पर्व की शुरूआत नहाय खाय से होती है। इसके बाद खरना होता है। खरना के अगले दिन दिन भर व्रत रहने के बाद शाम को संध्या अर्घ्य देने के लिए लोग घाट नदी, पोखरों पर जाते हैं। संध्या अर्घ्य के अगले दिन सुबह उषा अर्घ्य दिया जाता है।
हिंदू धर्म में छठ पूजा एकमात्र ऐसा त्योहार है जिसमें उदयाचल सूर्य के अलावा अस्ताचलगामी सूर्य की भी पूजा की जाती है। छठ पर्व की शुरूआत नहाय खाय से होती है। इसके बाद खरना होता है। खरना के अगले दिन दिन भर व्रत रहने के बाद शाम को संध्या अर्घ्य देने के लिए लोग घाट नदी, पोखरों पर जाते हैं। संध्या अर्घ्य के अगले दिन सुबह उषा अर्घ्य दिया जाता है।
ये भी पढ़ें : Dussehra 2018 : बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा इस तारीख को है, विजयादशमी के लिए नोएडा के रामलीला ग्राउंड हो रहे हैं तैयार
छठ पर्व ( Chhath Parva ) दिवाली ( Diwali ) के 6 दिन बाद पड़ता है, लेकिन इसकी शुरूआत भैयादूज के तीसरे दिन से यह आरम्भ होता है। छठ व्रत में सूर्य देव के अलावा छठी मइया की पूजा की जाती है। छठ में कोई मूर्तिपूजा शामिल नहीं है।
छठ पर्व ( Chhath Parva ) दिवाली ( Diwali ) के 6 दिन बाद पड़ता है, लेकिन इसकी शुरूआत भैयादूज के तीसरे दिन से यह आरम्भ होता है। छठ व्रत में सूर्य देव के अलावा छठी मइया की पूजा की जाती है। छठ में कोई मूर्तिपूजा शामिल नहीं है।