यह भी पढ़ें- नमाज के दौरान भड़की हिंसा, भीम आर्मी समर्थकों और नमाजियों के बीच जमकर हुआ पथराव बता दें कि शब्बीरपुर जातीय हिंसा के आरोपी व भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर मंगलवार को देवबंद पहुंचे। यहां उन्होंने दारूल उलूम देवबंद के पास जमीयत उलमा-ऐ-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के निवास पर उनसे मुलाकात की। इस दौरान लगभग 20 मिनट तक मौलाना और चंद्रशेखर ने बंद कमरे में बातचीत की। मुलाकात के बाद बाहर अाए चंद्रशेखर ने बताया कि वह व्यक्तिगत तौर पर मदनी से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने आए हैं। वहीं जब उनसे सरगथलवाला गांव में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं और मुस्लिमों की बीच हुई हिंसा के बारे में पूछा गया तो चंद्रशेखर ने कहा कि यह उनका आपसी मामला है, परिवार में झगड़े हो जाते हैं। यह कोई बड़ी बात नहीं है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने किया चंद्रशेखर से किनारा तो कांग्रेस ने लगाया गले बता दें कि सरसावा थाना क्षेत्र के सरगथलवाला गांव में शनिवार रात भीम आर्मी के कार्यकर्ता मिठाई बांटकर भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की रिहाई का जश्न मना रहे थे और तेज आवाज में डीजे की धुन पर थिरक रहे थे। इसी दौरान गांव की मस्जिद में नमाज भी हो रही थी। नमाज पढ़ रहे लोगों ने भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को नमाज के बाद डीजे बजाने के लिए कहते हुए रोक दिया। समुदाय विशेष ने आरोप लगाया कि इसके बावजूद भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने डीजे बंद नहीं किया। इसके बाद दोनों पक्षों विवाद हो गया और बात इतनी बढ़ी कि मारपीट की नौबत आ गई। इस दौरान जमकर मारपीट हुई। देखते ही देखते दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाजी की जाने लगी। पुलिस को पत्थरबाजी की सूचना मिली तो विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स पहुंच गई। पुलिस को देखते ही फिर से दोनों पक्षों के लोग फिर से आमने-सामने आ गए। पुलिस अधिकारियों दोनों पक्षों को समझाते हुए मामले को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं हुआ और फिर से स्थिति बेकाबू हो गई। इसके बाद पुलिस फोर्स ने लाठी फटकारते हुए दोनों पक्षों को खदेड़ा। इस मामले में पुलिस दोनों पक्षों के 12 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की थी।