गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर से करें संपर्क आयुर्वेद डॉक्टर अच्युत कुमार त्रिपाठी का कहना है कि चमकी बुखार एक तरह का दिमागी बुखार होता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो 10 साल तक के बच्चों को अपने चपेट में ज्यादा लेती है। उनका कहना है कि बदले मौसम में आयुर्वेद के तरीके अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार के गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
यह भी पढ़ें
चमकी बुखार : शरीर में दिखने लगे इन 10 में से कोई भी लक्षण तो हो जाएं सतर्क, जा सकती है जान
चमकी बुखार से बचाव के उपाय – धूप से बच्चों को दूर रखें – बच्चों को खाली पेट लीची न खिलाएं – पूरे शरीर काे ढकने वाले कपड़े पहनाएं – बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाएं। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। – रात को मच्छरदानी लगाकर साेएं। – बच्चों को हल्का साधारण खाना खिलाएं और जंक फूड से दूर रखें। – सड़े-गले फल न खिलाएं। – घर के आसपास गंदगी नहीं होने दें।
यह भी पढ़ें