यह भी पढ़ें- Chaitra Navratri 2021 : नवरात्रि के पहले दिन बन रहा विशेष संयोग, जानिये घट स्थापना का शुभ मुहूर्त IMAGE CREDIT: Raghavendra पंडित चंद्रशेखर शर्मा के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन इस बार विष्कुंभ और प्रीति योग के निर्माण से ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है, जिसे बीमारी का कारक यानी बीमारी फैलाने वाला कहा जाता है। उन्होंने बताया कि इस बार मां दुर्गा का घोड़े पर सवार होकर आएंगी, जिसे अशुभ माना जाता है। जहां यह योग दुनिया में उथल-पुथल का कारक बनेगा। वहीं, इसके चलते लोगों को कष्ट और परेशानियों का अनुभव होगा। उन्होंने बताया कि 2020 की तरह इस बार 2021 में भी हिंदू नववर्ष शुभ नहीं है। उस दौरान भी देश-दुनिया वैश्विक महामारी से त्रस्त थे और इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। हालांकि मां दुर्गा के कंधे पर प्रस्थान करने से देश में सुख समृद्धि आएगी।
यह भी पढ़ें- नवसंवत्सर के राजा व मंत्री दोनों मंगल पंडित चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि Chaitra Navratri 2021 में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 13 अप्रैल सुबह 5.28 से 8.46 बजे तक रहेगा है। जबकि अभिजीत मुहूर्त 11.36 से 12.24 बजे तक रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रतिपदा 12 अप्रैल की सुबह 8.01 बजे से 13 अप्रैल की सुबह 10.17 बजे तक रहेगी। उदया तिथि में एकम होने के चलते नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू होगी। उन्होंने बताया कि इस बार नवसंवत्सर के राजा व मंत्री दोनों मंगल होंगे।