CBSE 10th result 2018: हिंदी में एक नंबर कम आने से 100 प्रतिशत से चूकी यह टॉपर
मेेरे पास इस खुशी को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। पढ़ाई में उसका खूब मन लगता है। उसने कोई एक्सट्रा कोचिंग नहीं की। वह सेल्फ स्टडी में विश्वास करती है। उसके बहुत सारे शौक हैं। वह डासिंग, पेटिंग व कल्चरल एक्टिविटी में पीर्टीसिपेट करती है। नंदिनी के पिता ने कहा कि वह भविष्य में आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हैं। आज नंदिनी ने अपने स्कूल का शामली जिले का नाम रोशन किया है। साथ ही नंदिनी के पिता ने कहा कि रिजल्ट आने से पहले हमें उम्मीद थी कि अच्छे अंक आएंगे पर वह पूरे देश में टॉप करेगी यह उम्मीद नहीं थी। टॉपर रिमझिम अग्रवाल और नंदिनी गर्ग ने सक्सेस का मंत्र भी शेयर किया।
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अपनाया सेल्फ स्टडी का फॉर्मूला
नंदिनी के 500 में से 499 अंक आए हैं। वो रोज 5 घंटे पढ़ाई किया करती थीं। बिना किसी ट्यूशन के वो खुद ही पढ़ाई करती थीं। किसी सवाल में परेशानी होने पर वो अपने स्कूल टीचरों की मदद लेती थीं। नंदिनी के स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि नंदिनी बहुत ही फोकस्ड लड़की है। वह सोशल साइट्स से बिल्कुल दूर रहती थी। बीच-बीच में वह हैरीपॉटर की किताबें पढ़ती थी। मुझे नंदिनी से पहले ही उम्मीद थी कि वह जरूर कुछ अच्छा करेगी।
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रिमझिम को ऐसे मिली सफलता
नंदिनी की तरह ही उत्तराखंड की रहने वाली और बिजनौर के सीबीएसई स्कूल से पढ़ने वाली रिमझिम के भी 500 में से 499 अंक आए हैं। वो भी बिना ट्यूशन के घर में ही पढ़ाई किया करती थी। पापा उनकी मदद किया करते थे। उसकी सफलता के पीछे भी उसकी सेल्फ स्टडी ही मुख्य वजह रही। जिसके कारण उसको ये सफलता हासिल हुई।