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साथ ही रावण ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का आव्हान किया था। इसके अलावा भीम आर्मी प्रमुख कहा था जहां दलित समाज के लोगों पर अत्याचार होगा में चुप नहीं बैठूंगा। जब चंद्रशेखर यह पूछा गया तो कि बसपा प्रमुख मायावती के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे तो उसने कहा था कि उन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया है। वह हमारी बुआ जी हैं। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। अब इस पर बसपा प्रमुख मायावती की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।
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मायावती ने चंद्रशेखर द्वारा ‘बुआ’ कहने के बयान पर कहा कि ऐसे लोगों से मैं कोई संबंध नहीं रखती। मैं केवल आम आदमी, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोगों से जुड़ी हुई हूं। साथ ही बसपा सुप्रीमो ने गठबंधन के सवाल पर कहा कि बसपा कहीं भी किसी भी चुनाव में गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन हमें सीटों में सम्मानजनक हिस्सा चाहिए। ऐसा न होने पर बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी। आपको बात दे कि भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित छुटमलपुर गांव का रहने वाला है। शनिवार को उसके द्वारा सहारनपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई थी। लेकिन सहारनपुर जिला प्रशासन ने उसकी अनुमति नहीं दी।
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पत्रकार वार्ता में मायावती ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर निशाना साधा। इस दौरान मायावती ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोग मुझसे रिश्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बसपा मुखिया ने दो टूक कहा कि उनका किसी के साथ भाई-बहन या बुआ-भतीजे का रिश्ता नहीं है।
पत्रकार वार्ता में मायावती ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर निशाना साधा। इस दौरान मायावती ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोग मुझसे रिश्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बसपा मुखिया ने दो टूक कहा कि उनका किसी के साथ भाई-बहन या बुआ-भतीजे का रिश्ता नहीं है।
सहारनपुर हिंसा में आरोपी चंद्रशेखर मुझसे रिश्ता दिखा रहा है, जबकि मेरा सिर्फ गरीबों से रिश्ता है। ऐसे किसी व्यक्ति से मेरा रिश्ता नहीं है, जो समाज में ऐसा काम करते हैं। समाज में ऐसे बहुत से संगठन बनते चले आ रहे हैं जो अपना धंधा चलाते हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ रावण से मेरा कोई रिश्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह करोड़ों लोगों की लड़ाई लड़ रही हैं। रावण को अलग से संगठन बनाने की ज़रूरत क्यों है? वो बसपा के झंडे के नीचे आकर लड़ाई लड़ें।