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नसीमुद्दीन सिद्दीकी कभी मायावती के सबसे भरोसेमंद रहे। लेकिन बसपा में मायावती के चंदे का हिसाब-किताब रखने वाले नसीमुद्दीन अब कांग्रेस का हिस्सा बन चुके हैं। जिसकी वजह से बसपा सुप्रींमों मायावती काफा नाराज बतायी जा रही हैं। जिसकी वजह से मायावती अब महागठबंधन से अलग राह बनाती नजर आ रहीं हैं। इसके उन्होंने संकेत भी दे दिए हैं। जब साल के आखिर में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव होना है और कांग्रेस हाथी की सवारी कर चुनाव में बीजेपी के खिलाफ उतरने का सपना संजोए बैठी थी, ऐसे में मायावती ने अब अपना मन बदल लिया है।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी कभी मायावती के सबसे भरोसेमंद रहे। लेकिन बसपा में मायावती के चंदे का हिसाब-किताब रखने वाले नसीमुद्दीन अब कांग्रेस का हिस्सा बन चुके हैं। जिसकी वजह से बसपा सुप्रींमों मायावती काफा नाराज बतायी जा रही हैं। जिसकी वजह से मायावती अब महागठबंधन से अलग राह बनाती नजर आ रहीं हैं। इसके उन्होंने संकेत भी दे दिए हैं। जब साल के आखिर में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव होना है और कांग्रेस हाथी की सवारी कर चुनाव में बीजेपी के खिलाफ उतरने का सपना संजोए बैठी थी, ऐसे में मायावती ने अब अपना मन बदल लिया है।
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दरअसल एक समय मायावती के सबसे भरोसेमंद रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने उनपर टिकट खरीद फरोख्त का इल्जाम लगाया था। इतना ही नहीं नसीमुद्दीन ने तो उनके बातचीत के ऑडियो टेप भी जारी कर दिए थे और कई आरोप लगाए थे। सपा छोड़ने के बाद नसीमुद्दीन के सपा में जाने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन वहां बात नहीं बनी तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। नसीमुद्दीन के कांग्रेस में शामील होने के बाद उन्हें पार्टी में भी काफी अहमियत दी जा रही है। इस बात से मायावती कांग्रेस से काफी नाराज चल रही हैं। जिसकी वजह से उन्होंने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के बागी नेता अजीग जोगी से अब हाथ मिला लिया है।
दरअसल एक समय मायावती के सबसे भरोसेमंद रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने उनपर टिकट खरीद फरोख्त का इल्जाम लगाया था। इतना ही नहीं नसीमुद्दीन ने तो उनके बातचीत के ऑडियो टेप भी जारी कर दिए थे और कई आरोप लगाए थे। सपा छोड़ने के बाद नसीमुद्दीन के सपा में जाने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन वहां बात नहीं बनी तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। नसीमुद्दीन के कांग्रेस में शामील होने के बाद उन्हें पार्टी में भी काफी अहमियत दी जा रही है। इस बात से मायावती कांग्रेस से काफी नाराज चल रही हैं। जिसकी वजह से उन्होंने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के बागी नेता अजीग जोगी से अब हाथ मिला लिया है।
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मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक और पार्टी से अभी निष्कासित चल रहे संजय दीक्षित ने महागठबंधन से मायावती के मुंह फेरने की मुख्य वजह यूपी में कांग्रेस की ओर से नसीमुद्दीन को प्रमुखता देना है। हालाकि कांग्रेस का तबका अभी भी यह मानता है की किसी भी निष्कर्स पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। भले भी मायावती मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ मं कांग्रेस का साथ न दें लेकिन आम चुनाव में यूपी में काग्रेस के साथ ही जा सकती है। अब लोकसभा चुनाव चुनाव को भी ज्यादा वक्त नही हैं सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में महागठबंधन का क्या रुख रहता है यह भी सामने नहीं आया है। अब देखना दिलचस्प होगा की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का हाथ छोड़ने का मुड बना चुकी मायावती 2019 लोकसभा चुनाव में क्या फैसला लेती हैं।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक और पार्टी से अभी निष्कासित चल रहे संजय दीक्षित ने महागठबंधन से मायावती के मुंह फेरने की मुख्य वजह यूपी में कांग्रेस की ओर से नसीमुद्दीन को प्रमुखता देना है। हालाकि कांग्रेस का तबका अभी भी यह मानता है की किसी भी निष्कर्स पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। भले भी मायावती मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ मं कांग्रेस का साथ न दें लेकिन आम चुनाव में यूपी में काग्रेस के साथ ही जा सकती है। अब लोकसभा चुनाव चुनाव को भी ज्यादा वक्त नही हैं सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में महागठबंधन का क्या रुख रहता है यह भी सामने नहीं आया है। अब देखना दिलचस्प होगा की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का हाथ छोड़ने का मुड बना चुकी मायावती 2019 लोकसभा चुनाव में क्या फैसला लेती हैं।