ब्रेन ट्यूमर का पहली स्टेज में उपचार डॉ. मनीष वैश्य कहते हैं कि ब्रेन ट्यूमर में मस्तिष्क की कोशिकाओं में असामान्य विकास हो जाता है। ब्रेन ट्यूमर के कारण टीश्यूज व ऑर्गन डैमेज होने शुरू हो जाते हैं। डॉ. वैश्य बताते हैं कि ब्रेन ट्यूमर की चार स्टेज होती हैं। पहली स्टेज में मस्तिष्क में ट्यूमर बनना शुरू होता है। ट्यूमर की कोशिकाएं धीमी गति से विकसित होनी शुरू हो जाती हैं। हालांकि इस स्टेज में इसका फैलाव मस्तिष्क के अन्य दूसरे हिस्सों में नहीं होता है। इसलिए पहली अवस्था में इसकी सर्जरी करवाना बेहतर रहता है।
यह भी पढ़ें
World Brain Tumor Day 2019 : शरीर में दिखें ये लक्षण तो भूलकर भी न करें नजरअंदाज, हो सकता है ब्रेन ट्यूमर दूसरी स्टेज: शरीर के अन्य हिस्सों में फैलाव डॉ. वैश्य बताते हैं कि दूसरी स्टेज में मस्तिष्क की कोशिकाएं मेलिग्नेंट प्रकृति की रहती हैं। इसमें सामान्य कोशिकाओं से छोटी दिखाई देती हैं। इस अवस्था में यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलना शुरू हो जाता है। दूसरी अवस्था के दौरान समय पर इलाज मिल जाए तो इससे निजात मिल सकती है, लेकिन अगर सही समय पर उपचार न मिले तो यह ट्यूमर खतरनाक स्थिति में पहुंच सकता है।
तीसरी स्टेज: बेहतर इलाज मिलने पर बच सकती है जान डॉ. वैश्य कहते हैं कि तीसरी स्टेज में ब्रेन ट्यूमर बढ़कर परिपक्व होने की स्थिति में पहुंच जाता है। इस स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं तेजी से फैलती हैं। साथ ही शरीर की तमाम सामान्य गतिविधियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती हैं। डॉ. वैश्य बताते हैं कि तीसरी अवस्था में भी अगर मरीज को बेहतर इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।
चौथी स्टेज: खतरनाक और जानलेवा चौथी स्टेज को डॉ. वैश्य बहुत ही खतरनाक और जानलेवा बताते हैं। वह कहते हैं कि चौथी अवस्था में ट्यूमर ब्रेन में पूरी तरह विकसित हो जाता है। इस अवस्था में मेलिग्नेंट कोशिकाएं काफी तेज गति से फैलने लगती हैं और शरीर को काफी क्षति पहुंचाती हैं। इसमें खतरनाक ऊतकों की पहचान करना भी बहुत मुश्किल होता है। इस स्टेज में मरीज को बचाना बहुत ही मुश्किल होता है।
ब्रेन ट्यूमर से बचाव के उपाय – नर्वस सिस्टम को परेशानी से बचाने के लिए भरपूर नींद लें।
– विटामिनों और पौष्टिकता से भरपूर भोजन को प्राथमिकता दें।
– खाने में विटामिन-सी, विटामिन-के और विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करें।
– फास्ट फूड या डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
– राेजाना भरपूर पानी पिएं।
– रसायन और कीटनाशकों के जोखिम से बचें।
– फलों व हरी सब्जियों का सेवन करें।
– नियमित रूप से व्यायाम करें।
– धूम्रपान और शराब के सेवन से दूर रहें।
– विटामिनों और पौष्टिकता से भरपूर भोजन को प्राथमिकता दें।
– खाने में विटामिन-सी, विटामिन-के और विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करें।
– फास्ट फूड या डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
– राेजाना भरपूर पानी पिएं।
– रसायन और कीटनाशकों के जोखिम से बचें।
– फलों व हरी सब्जियों का सेवन करें।
– नियमित रूप से व्यायाम करें।
– धूम्रपान और शराब के सेवन से दूर रहें।