नोवरा अध्यक्ष रंजन तोमर ने जानकारी देते हुए कहा कि संस्था के प्रतिनिधि 2017 में पहली बार जब उनसे मिले तो उसी मुलाकात में नोएडा में लोकतंत्र की कमी की बात उनसे की थी। उसके अगले ही दिन पंकज जी ने यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखी और तबसे कई बार नोएडा में पंचायत व्यवस्था बहाली से लेकर निगम की स्थापना को लेकर नोवरा ने जब भी यह बात उठाई।
उन्होंने बताया कि विधायक ने इस बात को आगे तक पहुंचाया और लगातार इस बाबत प्रयासरत रहे। इसके फलस्वरूप यह खबरें प्रकाश में आई के इस क्षेत्र में लोकतंत्र की कमी को मुख्यमंत्री ने समझा और हाल ही में निगम स्थापना की बात आगे बढ़ी। इसके आलावा नोवरा की अपील पर विधायक गांव-गांव जाकर ग्रामीणों से मिल रहे हैं, उनकी समस्या सुन रहे हैं, अफसरों को वहीं निर्देशित किया जा रहा है। जिससे क्षेत्रों की समस्याओं को नए सिरे से समझा, निस्तारित किया गया है। पूर्व प्रधानों से मिलकर समस्याओं को समझ रहे हैं।
इस दौरान नोवरा उपाध्यक्ष अजय चौहान ने यह भी कहा कि कार्य अच्छे हो रहे हैं। किन्तु अभी भी प्राधिकरण कई मुद्दों पर अपनी मनमानी कर रहा है। जिसपर पंकज सिंह ने भरोसा दिलाया कि कोई भी गलत नीति अब लागू नहीं होने दी जायेगी। जहाँ तक बात है नगर निगम की तो नोवरा ने मांग रखी कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना प्राधिकरण का सम्मिलित क्षेत्र एक निगम के रूप में व्यावहारिक नहीं होगा। इससे बचने की आवश्यकता है। नोएडा एक मेट्रो शहर है, इसका अलग निगम होना चाहिए। इस बात से पंकज सिंह स्वयं सहमत दिखे और उन्होंने कहा के अभी पूर्ण रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता। किन्तु नोएडा के लिए अलग व्यवस्था होनी ही चाहिए।