यह भी पढ़ें–बसपा सुप्रीमो मायावती ने मिशन 2019 के लिए इन नेताओं को सौंपी अहम जिम्मेदारी मण्डल अध्यक्ष ने बताया कि लोनी देहात मंडल में 41 गांव हैं और मुख्य रूप से इन गांवों में किसान व मजदूर ही निवास करते हैं। इसलिए अधिकतर समस्याएं भी किसान व मजदूरों की ही हैं। ऐसी ही एक समस्या जो देश प्रदेश भर में चर्चा का विषय बनी हुई है, जो कि आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना से प्रभावित मंडोला, नानू, पंचलोक, मिलकबामला, अगरोला, लुत्फुल्लपुर नवादा , मकसुदाबाद बामला आदि गांव के भूमि अधिग्रहण को लेकर है। जिसको लेकर संगठन के सभी क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की सहमति से अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के मुद्दे हल कराने के उद्देश्य से समाजवादी पार्टी के शासन काल में आवास विकास परिषद की मंडोला विहार आवासीय योजना से प्रभावित किसानों द्वारा धरना प्रारम्भ कराया गया था।
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हजारों की संख्या में लोग पढ़ रहे थे नमाज, तभी हुआ कुछ ऐसा कि दौड़ पड़े पुलिस अफसर और…यह धरना समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा ही प्रायोजित था इसलिए सांसद जनरल वी के सिंह , सांसद डॉ० सतपाल सिंह , लोनी चेयरमैन पति मनोज धामा, सांसद प्रतिनिधि करतार चौधरी, जिला अध्यक्ष बसंत त्यागी , प्रदेश कार्यकारणी सदस्य डॉक्टर परमेन्द्र, जिला महामंत्री अनूप बैसला, वर्तमान विधायक नंदकिशोर गुर्जर आदि सभी छोटे बड़े भाजपा कार्यकर्ताओं ने किसानों के धरने को तन-मन-धन से सहयोग किया।
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अचानक मीटिंग बुलाकर यूपी के इस आईएएस ने बच्चे-बूढ़े और जवानों से की सेल्फी लेने की अपील सभी ने किसानों का दिल जीतने के लिए उनसे वायदा भी किया कि यदि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो सबसे पहले किसानों की मांगों को पूरा कराएंगे। भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 17 लगाकर किए गए अधिग्रहण को गलत ठहराया था। संगठन के कई पदाधिकारियों ने तो यह भी घोषणा कर दी थी कि उत्तर प्रदेश में हमारी पार्टी की सरकार बनने पर जब तक किसानों को न्याय नहीं मिल जाएगा तब तक लखनऊ से लौटकर नहीं आएंगे। इस तरह के बयानों की ऑडियो वीडियो भी क्षेत्र में खूब वायरल हुई हैं।
यह भी देखें-जानिए कौन है यह लड़की और क्यों किया उसने ऐसा नवीन त्यागी ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि प्रदेश में हमारी सरकार बनने के बाद संगठन के किसी भी पदाधिकारी, सांसद या विधायक ने धरने पर भाजपा द्वारा बैठाए गए किसानों की सुध नहीं ली और न ही किसानों के मुद्दे को गम्भीरता से लिया, जिससे नाराज होकर कई कर्मठ कार्यकर्ता पूर्व में भी मंडल कार्यकारणी से त्यागपत्र दे चुके हैं। जिनमें मुख्यरूप से अंशुल त्यागी,ब् रजमोहन त्यागी, श्रीमती प्रेमिला शामिल हैं। मंडल के समस्त कार्यकर्ता भी कई बार जिला कार्यकारणी के रवैये पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, जिसकी जानकारी भी संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों को मण्डल अध्यक्ष द्वारा दी जा चुकी है।